आधुनिक क्रिकेट जगत में एक नई बीमारी ने जन्म लिया है जिसका नाम है स्टंप्स में गेंद का लगना मगर बेल्स का ना गिरना। इस बीमारी का शिकार लगातार तेज गेंदबाज होते आ रहे हैं। जो इतनी मेहनत से गेंदबाजी करके बल्लेबाज के स्टंप्स तक गेंद तो पहुंचा देते हैं लेकिन बेल्स नहीं गिरते। कुछ ऐसा ही नजारा अभी तक हमें टी20 क्रिकेट आईपीएल उसके बाद विश्व कप में कई बार देखने को मिला। लेकिन अब इस बीमारी ने टेस्ट क्रिकेट को भी अपने कब्जे में ले लिया है। जिसके चलते विश्व क्रिकेट में प्रख्यात एशेज सीरीज के दौरान भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला।
जी हाँ, ये बेल्स न गिरने की बीमारी के चलते इंग्लैंड के कप्तान जो रूट शुक्रवार को काफी भाग्याशाली रहे जब एशेज सीरीज के पहले टेस्ट मैच में जेम्स पैटिंसन की तेज गेंद स्टंप्स को छूते हुए निकल गई लेकिन बेल्स नहीं गिरे। बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान में पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन ये नजारा एक बार फिर से देखने को मिला।
ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 284 रनों पर ऑल आउट होने के बाद इंग्लैंड की पहली पारी के 21वें ओवर में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज पैटिंसन की गेंद को रूट भांप नहीं सके। तब वह 9 रन के निजी स्कोर पर बल्लेबाजी कर रहे थे। अंपायर जोएल विल्सन को लगा कि पैटिंसन की गेंद रूट के बल्ले को छूकर निकली और रूट को आउट करार दे दिया। इसके बाद रूट ने रिव्यु लिया जिसपर ये पता चला कि गेंद रूट के बल्ले से नहीं बल्कि स्टंप्स से लगकर विकेटकीपर के दस्तानों में जा समाई।
इस तरह गेंद के स्टंप्स से लगने के बाद बेल्स के ना गिरने के कारण रूट को नॉट आउट दिया गया और वो बच गए। हालांकि इसके बाद रूट ने 119 गेंदों में शानदार 57 रन की दमदार पारी खेली।
वहीं, मैच की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी में 284 रनों के दमपर इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज रोरी बर्न्स ने अपना पहला टेस्ट शतक जमाकर टीम को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया है। बर्न्स के नाबाद 125 रनों की बदौलत इंग्लैंड ने दूसरे दिन का अंत होने तक अपनी पहली पारी में चार विकेट के नुकसान पर 267 रन बना लिए हैं। वह ऑस्ट्रेलिया द्वारा बनाए गए 284 के स्कोर से अभी 17 रन पीछे है।