भारत के पूर्व दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले का मानना है टेस्ट मैच पांच दिन का ही होना चाहिए और वह चार दिवसीय टेस्ट क्रिकेट को अनिवार्य बनाने के प्रस्ताव का समर्थन नहीं करते हैं। हालांकि ICC की क्रिकेट समिति के अध्यक्ष अनिल कुंबले इस बात से सहमत नहीं है कि टेस्ट क्रिकेट मर रहा है। कुंबले ने ESPN क्रिकइंफो से बातचीत में कहा, "टेस्ट क्रिकेट आज भी अधिक जीवित है, लेकिन मुझे लगता है कि प्रशंसकों की देखने की आदतों में बदलाव आया है, कई लोग इसे टेलीविजन और डिजिटल माध्यमों से देखते हैं।
बता दें इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) 2023 से वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में शामिल मुकाबलों को अनिवार्य रूप से चार दिवसीय करने पर विचार कर रहा है, जिससे बिजी शेड्यूल में समय बचाया जा सके। आईसीसी की क्रिकेट समिति 2023-2031 सीजन के लिए टेस्ट मैचों को औपचारिक रूप से पांच की जगह चार दिन के करने पर विचार कर रही है।
भारतीय कप्तान विराट कोहली भी 4 दिवसीय टेस्ट के पक्ष में नही है। इस साल की शुरुआत में कोहली ने कहा था कि उनके हिसाब से टेस्ट क्रिकेट में कोई छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। कोहली की बात का समर्थन करते हुए कुंबले ने 23 फरवरी को बेंगलुरु में आयोजित हिंदू के वार्षिक विचार सम्मेलन कहा था, "इसके बारे में मैं जो सोचता हूं वह खिलाड़ियों से ही आया है।। मेरा मतलब है कि वे चार दिवसीय टेस्ट नहीं चाहते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "पांच-दिवसीय टेस्ट क्या है? टेस्ट इसलिए है क्योंकि यह पांच दिन का है। अगर यह चार दिन का होता है, तो यह एक टेस्ट नहीं होगा। मैं उस पर बहुत स्पष्ट हूं।"
गौरतलब है कि क्रिकेट जगत में जहां कई लोग 4 दिवसीय टेस्ट के पक्ष में हैं। वहीं, कप्तान कोहली के अलावा सचिन तेंदुलकर और रिकी पोंटिंग जैसे दिग्गज खिलाड़ियों ने इसका विरोध किया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था भविष्य में टेस्ट क्रिकेट पर क्या फैसला लेती है।