राष्ट्रीय टीम के लिए एक साल से ज्यादा समय से नजरअंदाज किये जाने से ‘गुस्से और निराशा’ का सामना कर रहे ऑस्ट्रेलिया के उस्मान ख्वाजा की कोच जस्टिन लैंगर से बातचीत के बाद निराशा दूर हुई और वह अब वापसी पर ध्यान दे रहे हैं। पिछले साल इस 33 साल के बल्लेबाज ने एकदिवसीय में 49.31 की औसत से 1,085 रन बनाये थे लेकिन 2019 की शुरुआत में भारत और दक्षिण अफ्रीका के दौरों के लिए ऑस्ट्रेलिया की 50 ओवर की टीम में उन्हें जगह नहीं मिली।
वह इंग्लैंड दौरे पर वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज के लिए गयी मौजूदा टीम के 21 खिलाड़ियों में भी जगह बनाने में नाकाम रहे। उन्हें एशेज सीरीज के बाद ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज की टीम में भी जगह नहीं दी गयी।
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ख्वाजा ने क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू से कहा, ‘‘ यह अधिक खिलाड़ियों (इंग्लैंड का मौजूदा दौरा) का दल है इसलिए निराशा भी अधिक है। मैं कई बार टीम से अंदर-बाहर होता रहा हूं। दस साल पहले की तुलना में मैंने इससे बेहतर तरीके से निपटने के बारे में सीख लिया है।’’
बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘जब मैं पहली बार भारतीय दौरे से बाहर हुआ तो मैं बहुत अधिक निराश था, क्योंकि उस समय मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं उस टीम में जगह पाने का हकदार था। एकदिवसीय क्रिकेट में उस समय मेरा औसत लगभग 50 का था, उस वर्ष सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दुनिया के लिए शीर्ष तीन या चार बल्लेबाजों में था इसलिए मैं वास्तव में इसे समझ नहीं पाया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उस समय काफी निराश और गुस्से में था।’’ ऑस्ट्रेलिया के लिए 44 टेस्ट में 2887 और 40 एकदिवसीय में 1554 रन बनाने वाले इस खिलाड़ी ने कहा कि राष्ट्रीय टीम के कोच लैंगर से बातचीत के बाद उनका दिमाग शांत हुआ।
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उन्होंने कहा, ‘‘ उस घटना के तीन-चार सप्ताह के बाद सौभाग्य से मुझे जेएल (लैंगर) से बात करने का मौका मिला। मैंने अपनी परेशानी साझा की। यह अच्छी बातचीत थी। इसके बात मैंने दूसरी चिंताओं को छोड़कर खेल पर ध्यान देना शुरू किया।’’
उन्होंने कहा कि वह चयनकर्ता के नजरिये से चीजों को समझ रहे है। वह शीर्ष क्रम के बल्लेबाज है जहां पहले से आरोन फिंच, डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ बेहतर प्रदर्शन कर रहे है। ख्वाजा को लग रहा कि वह वापसी करने के करीब है। वह आगामी सत्र में बेहतर प्रदर्शन के साथ टीम में जगह बनाना चाहेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ बिग बैश और प्रथम श्रेणी के बहुत सारे मुकाबले है। मुझे अब भी लगता है कि मेरा सर्वश्रेष्ठ आना बाकी है। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए दूसरी चीजों की चिंता छोड़कर खेल पर ध्यान दे रहा हूं क्योंकि मुझे पता है कि क्रिकेट में चीजें कभी भी बदल सकती हैं।’’