कोरोना वायरस महामारी की वजह से पूरा खेलत जगत आर्थिक संकट का सामना कर रहा है जिससे बचने के लिए खेल बोर्ड और संस्थाएं अपने स्टॉफ और खिलाड़ियों के वेतन में कटौती कर रही हैं। साथ ही बोर्ड अपने खेल बजट को बचाने के उपाय भी खोज रही हैं। आर्थिक संकट के इस दौर में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया भी वित्तीय संकट का सामना कर रहा है, लिहाजा वह महिलाओं के घरेलू मैचों की संख्या को कम करने पर विचार कर रहा है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम की विकेटकीपर बल्लेबाज एलिसा हीली इस विचार से सहमत नहीं है।
एलिसा हीली का कहना है कि वित्तीय परेशानी का सामना कर रहे क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को महिलाओं के घरेलू मैचों की संख्या को कम नहीं करना चाहिए। बता दें, कोरोना वायरस महामारी के कारण क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया लाखों डॉलर का घाटा झेल रहे है और ऐसे में वह सत्र को छोटा करने के बारे में सोच रहा है।
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इसमें कोई दोराय नहीं है कि घरेलू महिला प्रतियोगिता मार्श शेफील्ड शील्ड और महिला बिग बैश लीग (डब्ल्यूबीबीएल) के मुकाबले पुरूष क्रिकेट की तरह आकर्षक और लोकप्रिय नहीं है। हीली ने हालांकि कहा कि महिलाओं के मैचों को कम करना प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए। हीली ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट संघ (एसीए) की बोर्ड निदेशक भी है। उन्होंने ‘द अनप्लेएबल’ पोडकास्ट से कहा, ‘‘जाहिर है यह अच्छा नहीं होगा। हम नहीं चाहते की मैच कम हो।’’
उन्होंने कहा, ‘‘खास तौर पर डब्ल्यूबीबीएल (महिला बिग बैश लीग) के मुकाबलों को कम नहीं किया जाना चाहिए। यह शानदार टूर्नामेंट है और हम अपना ज्यादातर क्रिकेट इसी में खेलते है। हमें घरेलू प्रतियोगिताओं में 50 ओवर के मैचों को खेलने का ज्यादा मौका नहीं मिलता।’’ उन्होंने कहा , ‘‘हम नहीं चाहते कि मैचों की संख्या घटे। मुझे नहीं लगता कि हमारे घरेलू क्रिकेटरों को ज्यादा खेलने का मौका मिलता है।
(With PTI Inputs)