पूरी दुनिया इस समय कोरोनावायरस की चपेट में हैं, ऐसे में लोग घर में रहकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके ही सुरक्षित रह सकते हैं। देश में अब तीसरा लॉकडाउन लग गया है जो 17 मई तक चलेगा। खेल जगत की बात करें तो बॉक्सर से लेकर रेस्लर तक घर में ही अपने शरीर पर ध्यान दे रहे हैं ताकी जब उनके मैच शुरू हो तो उन्हें किसी तरह कि दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। लेकिन क्रिकेटरों का क्या? क्रिकेट के खिलाड़ियों को प्रैक्टिस के लिए तो बड़े ग्राउंड की जरूरत है। ऐसे में जब क्रिकेट के खिलाड़ी मैदान पर वापस लौटेंगे तो उन्हें मैच से पहले लय में वापस आने में अधिक समय लगेगा।
भारतीय टीम के उप-कप्तान रोहित शर्मा ने हाल ही में बताया कि जब लॉकडाउन के बाद खिलाड़ी मैदान पर उतरेंगे तो गेंदबाजों के मुकाबले बल्लेबाजों को लय में आने में अधिक समय लगेगा। रोहित का कहना है कि बल्लेबाजों को हेंड-आई कॉर्डिनेशन के साथ कई चीजों पर काम करना होता है क्योंकि उन्हें मैच में 140KMPH की रफ्तर से गेंद फेंकने वाले गेंदबाजों का सामना करना पड़ता है।
मोहम्मद शमी के साथ इंस्टाग्राम लाइव पर बातचीत करते हुए रोहित शर्मा ने कहा "बड़े स्तर पर किसी भी तरह की क्रिकेट खेलने से पहले हमें लय में वापस आने के लिए कम से कम एक महीने की अच्छी प्रैक्टिस की जरूरत है। तीन महीने से अधिक का समय हो गया है हमने अपने बैट को हाथ नहीं लगाया और लगता नहीं है लॉकडाउन जल्द खत्म होगा।"
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रोहित शर्मा ने कहा गेंदबाजों के मुकाबले बल्लेबाजों को लय में आने में अधिक समय लगेगा। मोहम्मद शमी ने भी इस बात पर सहमति जताई और कहा "तेज गेंदबाज लॉकडाउन के दौरान अपनी शारीरिक कसरत पर ध्यान दे रहे हैं। हम ट्रेडमिल पर भाग रहे हैं जो हमारे शरीर के निचले हिस्स के लिए अच्छा है।"
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शमी ने आगे कहा "मैदान पर वापसी करते हुए हमें बस अपने रिस्ट पोजिशन पर ध्यान देने की जरूत है जिसपर हम 10 से 15 दिनों में काम कर लेंगे।"