हार्दिक पंड्या ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की टेस्ट टीम में शामिल नहीं हैं लेकिन सफेद गेंद के क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले ऑलराउंडर ने रविवार को कहा कि अगर टीम मैनेजमेंट चाहता है तो उन्हें रूकने में कोई गुरेज नहीं। पीठ की सर्जरी के बाद वापसी करने वाले पंड्या ने अभी नियमित तौर पर गेंदबाजी शुरू नहीं की है, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीमित ओवर के मैचों में बल्ले से चमकदार प्रदर्शन किया जिससे मेहमान टीम वनडे सीरीज के दो मैच गंवाने के बाद टी20 सीरीज अपने नाम करने में सफल रही।
यह पूछने पर कि क्या वह 17 दिसंबर से शुरू होने वाली चार मैचों की टेस्ट सीरीज के लिये रूकना चाहेंगे तो पंड्या ने कहा, ‘‘यह अलग तरह का मुकाबला है, मुझे लगता है कि मुझे होना चाहिए, मेरा मतलब मुझे कोई परेशानी नहीं है लेकिन अंत में यह फैसला मैनेजमेंट पर है। इसलिये हां, मुझे नहीं लगता कि मैं इसके बारे में ज्यादा कुछ कह सकता हूं। ’’
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मुंबई इंडियंस की इंडियन प्रीमियर लीग में खिताबी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने के बाद पंड्या ऑस्ट्रेलिया पहुंचे। भारतीय ऑलराउंडर पंड्या ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान उन्होंने जरूरत के समय मैच फिनिश करने में महारत हासिल करने पर काम किया। पंड्या ने 22 गेंद में 42 रन की आक्रामक पारी खेलकर आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में भारत की छह विकेट की जीत में अहम भूमिका निभायी। उनकी मदद से मेहमान टीम ने अंतिम ओवर में 14 रन बनाकर तीन मैचों की टी20 सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली।
पंड्या ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘लॉकडाउन के दौरान मैं जरूरत के समय मैच फिनिश करने पर ध्यान लगाना चाहता था। यह मायने नहीं रखता कि मैं ज्यादा रन जुटाऊं या नहीं। ’’
यह ऑलराउंडर रविवार को एससीजी में बनी परिस्थितियों के लिये नया नहीं था, उन्होंने पिछले कुछ मैचों में ऐसे ही हालात में कुछ में जीत दिलायी जबकि कुछेक में हार का भी सामना करना पड़ा।
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उन्होंने कहा, ‘‘मैं कई दफा ऐसी स्थितियों में हो चुका हूं और मैंने अपनी गलतियों से सीख ली। मैं आत्मविश्वास के साथ खेलता हूं और इससे खुद को प्रेरित करता हूं और अति आत्मविश्वासी नहीं बनता। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा उस समय को याद रखता हूं जब हमने बड़े स्कोर का पीछा किया और इससे मदद मिलती है। ’’
पंड्या ने डेब्यू करने वाले तेज गेंदबाज डेनिलय सैम्स पर दो छक्के जमाये जिससे भारत ने दो गेंद रहते जीत हासिल की। उन्होंने कहा, ‘‘मैच के दौरान वे क्या करते हैं, इस पर ध्यान देने के बजाय मैं क्या कर सकता हूं, इस पर ध्यान देता हूं। यह दो बड़े शॉट की बात थी और आज ऐसा हो गया। मैं हमेशा खुद का समर्थन करता हूं। यह ऐसे हालात हैं जिसमें मैं हमेशा खेला हूं। टीम को जिसकी भी जरूरत होती है, मैं हमेशा ऐसा करने की कोशिश करता हूं। ’’
पंड्या ने कहा, ‘‘यह बहुत सरल चीज है। मैं स्कोरबोर्ड को देखकर खेलना चाहता हूं ताकि मैं जान सकूं कि कौन से गेंदबाज को निशाना बनाया जाये। ’’