इंग्लैंड के बाएं हाथ के स्पिनर मोंटी पनेसर ने 2006 में भारत के ख़िलाफ़ नागपुर टेस्ट में डेब्यू किया था. इसके बाद 2007 में उन्होंने वनडे में डेब्यू किया. मोंटी से काफ़ी उम्मीदें थीं लेकिन ऑफ़ फ़ील्ड उनके व्यवहार का असर उनके खेल पर भी पड़ा और अंत में उनका करियर अचानक समाप्त हो गया. उनकी जगह ग्रीम स्वान ने ले ली थी. काउंटी क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन के बाद उन्हें 2010-11 में एसेझ़ सिरीज़ के लिए फिर बुलाया गया हालंकि वह एक भी मैच नहीं खेले. 2011 में काउंटी सीज़न में 69 विकेट लेने के बाद मोंटी को UAE में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सिरीज़ के लिए फिर टीम में चुना गया. मोंटी ने 2012 में भारत में तीन टेस्ट मैच खेले थे. उन्होंने अपनी आख़िरी अंतरराष्ट्रीय सिरीज़ 2013-14 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेली थी.
मोंटी की वापसी की उम्मीद बहुत कम है लेकिन इस बीच भारतीय मूल का एक और सिख अमर विर्दी सुर्ख़ियों में है. 19 साल के अमर विर्दी काउंटी क्लब सरे के उन चार खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने काउंटी के लिए तीसरी बार चैंपियनशिप में हिस्सा लिया. विर्दी ने 2016 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ इंग्लैंड के लिए दो अंडर-19 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले थे. उन्होंने 2017 में फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया था.
विर्दी ने हाल ही में काउंटी चैंपियनशिप में हैम्पशायर के ख़िलाफ़ 9 रन देकर 4 विकेट लिए जो उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. उन्होंने हाशिम आमला, केल एबोट जैसे बल्लेबाज़ों को आउत किया.