इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच साउथहैंपटन में खेले गए पहले टेस्ट मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हो गई है। कोरोनावायरस के कहर की वजह से मार्च से ही कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला गया था। इस मैच में विंडीज ने मेजबानों को 4 विकेट से हराकर सबको हैरान कर दिया है। तीन मैच की इस सीरीज में अब वेस्टइंडीज की टीम 1-0 से आगे चल रही है।
पहला टेस्ट मैच आईसीसी के नए दिशा-निर्देशों के अंतर्गत खेला गया, ऐसे में खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई तो गेंद पर लार के बैन से। लार के बैन के बाद खिलाड़ी गेंद की चमक बनाए रखने के लिए पसीने का इस्तेमाल तो कर रहे हैं। पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड के एक गेंदबाज ने गेंद को चमकाने के लिए अपनी टांग पर इतना रगड़ा कि उनकी टांगों पर खरोंच के निशान आ गए।
जी हां, इसके बारे में खुद गेंदबाज ने हाल ही में बताया है। मंगलवार को इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड द्वारा आयोजित एक मीडिया इंटरेक्शन में इंग्लैंड के स्पिनर डोम बेस ने टाइम्स ऑफ इंडिया से स्लाइवा के बिना गेंद की चमकान को बनाए रखने की बात करते हुए कहा 'यह बहुत मुश्किल काम है। सिर्फ पसीने से हम बॉल की कैसे देखरेख कर सकते हैं और उसे स्विंग करा सकते हैं। मुझे पसीना ज्यादा आता है, तो अपनी टीम में मैंने बॉल को शाइन करने की जिम्मेदारी उठाई।'
ये भी पढ़ें - मनोज तिवारी ने टीम इंडिया के चयन पर उठाए सवाल, की लाइव प्रसारण की ये खास मांग
उन्होंने आगे कहा 'टीमों के लिए सिर्फ इतना काफी नहीं है कि उन्होंने उस खिलाड़ी को ढंढ लिया है, जिसे सबसे ज्यादा पसीना आता है। असली चुनौती यही है कि वह कैसे बहुत ज्यादा पसीना लगाकर बॉल की एक साइड को डल (फीका) बना रहा है। पहला टेस्ट और इससे पहले खेला गया प्रैक्टिस मैच में हमने यही कोशिश की कि बॉल को अच्छी कंडिशन में रखा जाए।'
डोम बेस ने साथ ही बताया कि गेंद की चमकान बरकरार रखने के लिए उन्होंने गेंद को अपनी टांग पर इतना रगड़ा की खरोच के निशान आ गए। डोम ने बताया 'यह निश्चितरूप से मुश्किल काम है कि आप दिनभर और पूरे मैच के दौरान गेंद को अपने ट्राउजर पर रगड़ते रहते हैं। इसका कुछ नुकसान भी होता है। पिछले 5 महीने से मेरी टांगे गेंद को शाइन करने की आदी नहीं थीं और मैंने इस मैच में ऐसा किया तो मेरी टांगों पर खरोंच के निशान आ गए।'