अजिंक्य रहाणे भारतीय टेस्ट टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन इस अनुभवी बल्लेबाज की खेल के छोटे प्रारूपों में अनदेखी की जा रही है। 90 वनडे मैच खेल चुके अजिंक्य रहाणे ने अंतिम बार 16 फरवरी, 2018 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन में वनडे मैच खेला था। वहीं भारत के लिए आखिरी बार टी20 मैच रहाणे ने 2016 में वेस्टइंडीज के खिलाफ लॉडरहिल में खेला था। लेकिन अब रहाणे को लगता है कि उन्हें लगातार मौका देना चाहिए। ताकि वे सीमित ओवरों के क्रिकेट में अपने आप को साबित कर सकें।
ऐसा लग रहा है कि भारत की वर्ल्ड कप टीम लगभग तय हो गई है। इसलिए रहाणे का वर्ल्ड कप की टीम में शामिल होने पर भी सस्पेंस बना हुआ है। हालांकि, रहाणे को उम्मीद है कि वह मई में इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा होंगे। साथ ही वह चाहते हैं कि वनडे क्रिकेट में खुद को साबित करने का पर्याप्त मौका मिले।
रहाणे ने कहा, 'मैं बल्लेबाज के तौर पर आक्रामक हूं, लेकिन व्यवहार से मैं कम बोलने वाला व्यक्ति हूं। मैं अधिक बात करना पसंद नहीं करता, मैं अपने बल्ले को बोलने देता हूं, लेकिन कई बार सच कहना जरूरी हो जाता है। मेरा मानना है कि टीम सबसे पहले है और मैंने हमेशा टीम मैनेजमेंट, सिलेक्टर्स के फैसले का सम्मान किया है और ऐसा करता रहूंगा। लेकिन अंत में यह जरूरी है कि मैं जो प्रयास कर रहा हूं उसे स्वीकार किया जाए। एक खिलाड़ी के तौर पर मैं महसूस करता हूं कि टीम के लिए अच्छा करने को सभी को लगातार मौके की आवश्यकता है।'
बता दें कि वेस्टइंडीज और घरेलू सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ओपनिंग करते हुए अच्छी बल्लेबाजी के बावजूद रहाणे को साउथ अफ्रीका में मध्य क्रम में स्थान मिला। हालांकि उसके बाद रहाणे को मौका नहीं मिला। ये पूछे जाने पर कि क्या रहाणे इस बात से निराश हैं?तो उन्होंने कहा, 'यदि मैं निराशा महसूस करूंगा तो मेरी मानसिकता नकारात्मक हो जाएगी। इसलिए मैं उस तरह से नहीं सोचता हूं। मैं इस फैसले को सिलेक्टर्स पर छोड़ता हूं, क्योंकि वे सबसे अच्छे जज हैं, लेकिन मैं यह भी मानता हूं कि मेरा प्रदर्शन वास्तव में अच्छा था। यदि आप पिछली तीन-चार सीरीज को देखें, मेरा औसत 45 से 50 के करीब था। इसके बाद मुझे ड्रॉप कर दिया गया। मैं घरेलू क्रिकेट में वापस गया और मैंने काफी अच्छा किया है।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं निराश नहीं हूं, क्योंकि मैं सकारात्मक रहना चाहता हूं, नकारात्मकता में नहीं जाना चाहता।'
रहाणे ने आगे कहा, "मैंने हमेशा सोचा है कि देश और टीम पहले आती है। यहां तक कि जब मैं मुंबई के लिए खेला तो मैंने सलामी बल्लेबाज के रूप में शुरुआत की, लेकिन जब टीम चाहती थी कि मैं नंबर 3 पर बल्लेबाजी करूं, तो मैं सहमत हुआ और चुनौती स्वीकार की। इसलिए मैं नहीं मानता कि मैं टीम की भलाई के अलावा कोई कभी कुछ मांग करूंगा। हालांकि, मैं यह कहना चाहता हूं कि यदि एक खिलाड़ी के तौर पर मैं टीम के लिए समर्पित हूं तो मुझे पर्याप्त मौका मिले। मैं बस इतना चाहता हूं।" बता दें कि रहाणे आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी करते हैं इसके अलावा वे अभी सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में मुंबई का नेतृत्व कर रहे हैं।