भारत के पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने खुलासा किया है कि इंग्लैंड में लीग क्रिकेट खेलते हुए उन्हें नस्लवाद का शिकार होना पड़ा था। आकाश चोपड़ा ने कहा कि इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने के दौरान उनके साथ नस्लीय भेदभाव किया गया और उन्हें 'पाकी' कहकर संबोधित किया गया।
हाल ही में वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डैरेन सैमी नें आरोप लगाया था कि आईपीएल में खेलने के दौरान उन्हें कुछ खिलाड़ी 'कालू' कहकर पुकारते थे और अब जब से उन्हें इस शब्द का मतलब पता चला है, तो उन्हें काफी धक्का लगा है। सैमी के इन गंभीर आरोपों पर आकाश ने कहा कि अगर ये सच है तो मेरे हिसाब से ये गलत है।
आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, "सैमी ने आईपीएल में खेलने के दौरान जो अनुभव किया, वो काफी संगीन मामला है। खेल जगत में नस्लवाद होता है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता। 100 प्रतिशत होता है। मुझे याद है कि मैं इंग्लैंड में लीग क्रिकेट खेलता था और सामने वाली टीम में दो साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी थे। दोनों ने मुझे काफी परेशान किया और लगातार मुझे 'पाकी-पाकी' कहकर चिढ़ाया। पाकिस्तान के शॉर्ट फॉर्म को पाकी कहते हैं। लेकिन ऐसा नहीं हैं। ब्रिटेन में एशियाई मूल के लोगों की उनकी चमड़ी के रंग के आधार पर कई लोग नस्लवादी टिप्पणी 'पाकी' बुलाते हैं। ये मेरे साथ हुआ।"
उन्होंने आगे कहा, "नस्लीय भेदभाव आपको पूरी दुनिया में हर जगह देखने को मिलेगा। आप अगर काले या भूरे रंग के है तो भी और अगर आपका रंग गोरा है, तब भी आपको नस्लवाद का शिकार होना पड़ता है। एंड्र्यू साइमंड जब भारत आए थे तो वानखेड़े स्टेडियम में उन्हें दर्शकों ने मंकी-मंकी कहकर बहुत चिढ़ाया था। उसके बाद लोगों का काफी समझाना पड़ा था।"
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच पूरी दुनिया में इन दिनों नस्लवाद का मुद्दा गर्माया हुआ है। अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद सभी जगह नस्लवाद के खिलाफ लोग अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं जिसमें वेस्टइंडीज के कई क्रिकेटर भी शामिल हैं। वेस्टइंडीज को 2 बार T20 वर्ल्ड कप जिताने वाला पूर्व कप्तान डैरेन सैमी ने भी हाल ही में खुलासा किया था कि आईपीएल में वह नस्लीय भेदभाव का शिकार हो चुके हैं।