इंदौर: अपने पहले खिताब से एक जीत दूर छिपे रूस्तम विदर्भ और मैदान से बाहर के विवादों को खेल पर हावी नहीं होने देने वाली दिल्ली की टीमें कल से शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी फाइनल में आमने सामने होंगी तो दर्शकों को रोमांचक क्रिकेट की सौगात मिलेगी।
देश के प्रीमियर घरेलू टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहली बार पहुंचने वाली विदर्भ की टीम ने कई अप्रत्याशित जीत दर्ज की है। विदर्भ के सुनहरे सफर का अंत अगर होलकर स्टेडियम में हार के साथ होता है तो दिल्ली एक दशक बाद आठवां खिताब जीतेगा।
पिछले सत्र में दिल्ली की टीम विवादों से घिरी रही जिनमें कप्तान गौतम गंभीर और कोच केपी भास्कर के बीच विवाद प्रमुख रहा। इसके बावजूद टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और एक या दो खिलाड़ी भविष्य में भारत के लिये खेल सकते हैं।
विदर्भ के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली उसे हल्के में लेने की गलती नहीं कर सकती। कप्तान रिषभ पंत ने कहा,‘‘ हमारा फोकस अपने प्रदर्शन पर है। हमें पता है कि यह मैच जीतने के लिये बहुत अच्छा प्रदर्शन करना होगा।’’
मध्यम तेज गेंदबाज रजनीश गुरबानी इस सत्र की खोज साबित हुए हैं जिन्होंने कोलकाता में सेमीफाइनल में सितारों से सजे कर्नाटक के बल्लेबाजी क्रम की चूलें हिला दी थी । उनके लिये हालांकि अनुभवी गौतम गंभीर के बल्ले पर अंकुश लगाना कड़ी चुनौती होगा।
भारतीय टीम से बाहर सलामी बल्लेबाज गंभीर ने इस सत्र में तीन शतक और दो अर्धशतक लगाये हैं।
मध्यम तेज गेंदबाज रजनीश गुरबानी इस सत्र की खोज साबित हुए हैं जिन्होंने कोलकाता में सेमीफाइनल में सितारों से सजे कर्नाटक के बल्लेबाजी क्रम की चूलें हिला दी थी । उनके लिये हालांकि अनुभवी गौतम गंभीर के बल्ले पर अंकुश लगाना कड़ी चुनौती होगा।
भारतीय टीम से बाहर सलामी बल्लेबाज गंभीर ने इस सत्र में तीन शतक और दो अर्धशतक लगाये हैं।
मध्यप्रदेश के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में लक्ष्य का पीछा करते हुए चौथी पारी में उन्होंने 95 रन बनाये और बंगाल के खिलाफ सेमीफाइनल में सैकड़ा जड़ा। दिल्ली के फाइनल तक के सफर में गंभीर ने सूत्रधार की भूमिका निभाई है।
युवा सलामी बल्लेबाज कुणाल चंदेला ने भी सेमीफाइनल में शतक बनाया। मध्यक्रम में नीतिश राणा ने रन बनाये हैं। सात बार की चैम्पियन दिल्ली के पास पंत के रूप में युवा कप्तान है जो बल्ले से नाकाम रहने के बावजूद विकेटकीपिंग से छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं।
तेज गेंदबाज नवदीप सैनी ने लगातार विकेट लिये हैं। बंगाल के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने सात विकेट चटकाये। बायें हाथ के स्पिनर विकास मिश्रा ने दिल्ली के लिये इस सत्र में सर्वाधिक विकेट लिये हैं।
विदर्भ के लिये फैज फजल ने 76 . 63 की औसत से 843 रन बाये जबकि संजय रामास्वामी 735 रन बना चुके हैं। मुंबई के साथ कई खिताब जीत चुके अनुभवी वसीम जाफर और कोच चंद्रकांत पंडित का अनुभव टीम के काफी काम आया है।
टीमें:
विदर्भ: फैज फजल ( कप्तान ), संजय रामास्वामी, वसीम जाफर, गणेश सतीश, अपूर्व वानखेड़े, विनोद वाडकर, आदित्य सरवटे, अक्षर वखारे, सिद्धेश नेराल, रजनीश गुरबानी, कर्ण शर्मा, शलभ श्रीवास्तव, सिद्धेश वाठ, अक्षर कर्णवार, सुनिकेत बिंगेवार, रविकुमार ठाकुर, आदित्य ठकारे।
दिल्ली: रिषभ पंत ( कप्तान ), गौतम गंभीर, कुणाल चंदेला, ध्रुव शोरे, नीतिश राणा, हिम्मत सिंह, मनन शर्मा, विकास मिश्रा, विकास टोकस, नवदीप सैनी, कुलवंज खेजरोलिया, आकाश सूदन, शिवम शर्मा, उन्मुक्त चंद, मिलिंद कुमार।