क्रिकेट में बेटे की दिलचस्पी देख अब्बास ने इंटरनेट पर देखा कि कई ऐसी छोटी-मोटी टीमें हैं जो पार्क में क्रिकेट केलती हैं। इनमें ज़्यादातर एशिया के लोग ही थे। उन्हें ये भी पता लगा कि एक बाक़ायदा जर्मन क्रिकेट बोर्ड है जो राज्यों के बीच प्रतियोगिता करवाता है।
अब्बास फ़ौरन म्यूनिख में एक क्लब में शामिल हो गए लेकिन हर्ज़ोगेनौरख से म्यूनिख क्रिकेट खेलने जाना न सिर्फ मंहगा पड़ता था बल्कि समय भी काफी लग जाता था। खुशक़िस्मती से हर्ज़ोगेनौरख में एडिडास और प्यूमा के मुख्यालय थे जिन्होनें उनसे एक ऑफ़िस टीम बनाने और उसे कोच करने को कहा।