अगर 78 ओवर बाक़ी हों यानी 468 गेंद फ़ेकी जानी हों और जीत के लिए बनाने हों सिर्फ 4 रन तो ज़ाहिर आप बैटिंग करने वाली टीम की जीत को तय मानेंगे लेकिन शायद आप यहां ग़च्चा खा रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान में ऐसी स्थिति में रहते हुए जीती हुई टीम हार गई. इस हार के पीछे था विवादस्पद नियम मैनकेडिंग.
पाकिस्तान के घरेलू क्रिकेट कायद ऐ आजम टूर्नामेंट के एक मैच में वॉटर ऐंड पावर डिवेलपमेंट ऑथोरिटी का मुकाबला पेशावर से था. WAPDA को जीत के लिए 78 ओवर में 4 रन बनाने थे. पेशावर को भी जीत के लिए सिर्फ एक विकेट की जरूरत थी.
मोहम्मद शाद बैटिंग कर रहे थे और नॉन स्ट्राइकर एंड पर मोहम्मद इरफान थे. दूसरी तरफ बॉलर ताज अली बॉल डालने के लिए आगे बढ़े ही थे कि उन्होंने देखा कि मोहम्मद इरफान क्रीज से बाहर खड़े हैं. ऐसे में उन्होंने इरफान को मैनकेडिंग के जरिए आउट कर दिया. अंपायर ने भी आउट दे दिया हालंकि उसने फिल्डिंग टीम से दोबारा अपने निर्णय पर विचार करने को भी कहा लेकिन वह नहीं मान और WAPDA को पेशावर के हाथों तीन रन से हार का सामना करना पड़ा.
मैनकेडिंग का नियम
ICC के मैनकेडिंग से जुड़े नियमों के मुताबिक, अगर बॉल फेंकने से पहले नॉन स्ट्राइकर अपनी क्रीज छोड़ देता है तो बॉलर उसे बिना बॉल फेंके रन आउट करने की कोशिश ककर सकता है. रनआउट सफल होने पर बल्लेबाज़ आउट माना जाएगा, लेकिन कोई बॉल नहीं काउंट होगी. वहीं रनआउट सफल नहीं होने पर बॉल डेडबॉल मानी जाएगी.
WAPDA के कप्तान सलमान बट्ट ने दूसरी टीम के कप्तान की खेलभावना पर सवाल उठाया. उनके अनुसार ऐसे नियम का क्या फायदा जब जीत के बाद जीतने वाली टीम गर्व की जगह शर्म महसूस करे.