पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज चेतन शर्मा ने 31 साल पहले आज ही के दिन एक ऐसा कारनामा किया था जो वर्ल्ड क्रिकेट में उससे पहले कभी नहीं हुआ था। उन्होंने 31 अक्टूबर 1987 को न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप मैच में हैट्रिक ली। ये पहला मौका था जब किसी गेंदबाज वे वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में हैट्रिक अपने नाम की थी। क्रिकेट विश्व कप के इतिहास की यह पहली हैट्रिक थी। इंडिया टीवी से खास बातचीत में चेतन शर्मा ने बताया कि कैसे कपिल देव की मदद से उन्होंने हैट्रिक हासिल की थी।
यह वर्ल्ड कप-1987 का आखिरी राउंड रॉबिन मैच था। भारत के सामने थी न्यूजीलैंड की मजबूत टीम। न्यूजीलैंड ने टॉस जीता और पहले बैटिंग करते हुए 41 ओवर में पांच विकेट गंवाकर 182 रन बनाकर मजबूत स्थिति में था। एक समय तो लगा कि टीम बड़ा स्कोर खड़ा कर देगी और भारत के लिए मुश्किलें बढ़ सकती थीं।
पांच विकेट गिरने के बाद चेतन शर्मा अपना छठा ओवर डालने आये और सामने थे केन रदरफोर्ड। चेतन शर्मा की पहली तीन गेंदों पर तो कोई विकेट नहीं मिला। लेकिन चौथी शॉर्ट लेंथ गेंद पर रदरफोर्ड पुल शॉट खेलना चाहते थे लेकिन गेंद उनके क्लीन बोल्ड करते हुए निकल गई। इसके बाद चेतन शर्मा ने इयान स्मिथ को बोल्ड किया। आखिरी गेंद पर एविन चैटफील्ड सामने थे। लेकिन वे भी इतिहास रचने से बचा नहीं पाए और चेतन शर्मा ने वर्ल्ड कप इतिहास की पहली हैट्रिक अपने नाम कर ली।
इंडियाटीवीन्यूज.कॉम से फोन पर बात करते हुए चेतन शर्मा ने बताया, "दरअसल कपिल देव पाजी ने मुझे विकेट टू विकेट गेंदबाजी करने के लिए कहा। इस तरह के अवसर किसी खिलाड़ी के जीवन में बड़ी मुश्किल से आते हैं। हमने देखा कि चैटफील्ड हेलमेट पहनकर बल्लेबाजी करने के लिए आया था जबकि वहां गेंद घुटनों से ऊपर ही नहीं जा रही थी। तब हमें लगा कि वो नर्वस है कि कहीं मैं उसे बाउंसर न मार दूं। इसलिए पाजी ने मुझे स्टंप पर गेंद फेंकने को कहा ताकि LBW या सीधे बोल्ड का चांस बन सके। मैंने उनकी सलाह मानी और वहीं किया.. बाकी का इतिहास गवाह है।"