Friday, November 01, 2024
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पिछले पांच साल में भारत ने टेस्ट क्रिकेट में आजमाई है 15 ओपनिंग जोड़ी, जानें किसे दावेदारी है सबसे मजबूत

भारत को दोनों छोटे प्रारूपों में ओपनिंग को लेकर ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी पड़ी लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उसकी एक अदद सलामी जोड़ी की तलाश अब भी जारी है।

Edited by: Bhasha
Updated on: May 22, 2020 14:51 IST
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Image Source : GETTY Indian cricket team

रोहित शर्मा के लिमिटेड ओवरों में ओपनर बल्लेबाज की भूमिका निभाने से पिछले सात सालों में भारत को दोनों छोटे प्रारूपों में ओपनिंग को लेकर ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी पड़ी लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उसकी एक अदद सलामी जोड़ी की तलाश अब भी जारी है। रोहित को पिछले साल अक्टूबर में टेस्ट मैचों में भी सलामी बल्लेबाज की भूमिका में उतारा गया था और वह इसमें सफल भी रहे लेकिन उनकी असली परीक्षा विदेशी पिचों पर होनी थी और न्यूजीलैंड दौरे से पहले उनके चोटिल होने के कारण भारत को 2020 में खेले गये दो टेस्ट मैचों में नयी सलामी जोड़ी के साथ उतरना पड़ा था। 

भारत अगर इस साल के आखिर में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाता है तो फिर पूरी संभावना है कि मयंक अग्रवाल के साथ रोहित ही पारी का आगाज करेंगे लेकिन अन्य बल्लेबाजों विशेषकर युवा पृथ्वी शॉ की दावेदारी को भी कम करके नहीं आंका जा सकता है जबकि केएल राहुल वनडे प्रारूप में अच्छे प्रदर्शन के कारण लंबे प्रारूप में खेलने का दावा मजबूत करते जा रहे हैं। 

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इनके अलावा मुरली विजय और शिखर धवन की दावेदारी को भी नहीं नकारा जा सकता है। पिछले पांच सालों में भारत ने धवन, राहुल, विजय, अग्रवाल, रोहित, पार्थिव पटेल, शॉ, गौतम गंभीर, हनुमा विहारी, अभिनव मकुंद और यहां तक कि तीसरे नंबर पर खेलने वाले चेतेश्वर पुजारा को भी पारी का आगाज करने के लिये भेजा। 

इस बीच भारत ने इन खिलाड़ियों को मिलाकर 15 जोड़ियां आजमायी। राहुल ने सर्वाधिक 32 टेस्ट मैचों में ओपनिंग की जबकि विजय ने 29, धवन ने 21 और अग्रवाल ने 11 मैचों में यह जिम्मेदारी संभाली। 

अग्रवाल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2018 में मेलबर्न में ‘बाक्सिंग डे’ टेस्ट मैच में डेब्यू किया और शीर्ष क्रम के पहले दो स्थानों में से एक स्थान को स्थायित्व प्रदान किया। उन्होंने अब तक 11 मैचों की 17 पारियों में 974 रन बनाये हैं लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ चार पारियों में वह 102 रन ही बना पाये थे जबकि शॉ ने 98 रन बनाये थे। लेकिन इस पूरी सीरीज में सभी भारतीय बल्लेबाज नाकाम रहे थे। 

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रोहित टेस्ट मैचों में फिर से पारी का आगाज करने के लिये बेताब होंगे। उन्होंने पिछले साल साउथ अफ्रीका के खिलाफ विशाखापट्टनम में पहली बार यह भूमिका निभायी और दोनों पारियों में शतक (174 और 127) ठोककर नया रिकॉर्ड बनाया था। 

इसके बाद उन्होंने रांची में 212 रन की लाजवाब पारी खेली लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ दोनों टेस्ट मैचों में उनका बल्ला कुंद पड़ा रहा। साव ने अब तक जो चार टेस्ट मैच खेले हैं उनमें एक शतक की मदद से 335 रन बनाये हैं। 

अगर पिछले पांच सालों में अन्य देशों की सलामी जोड़ियों की बात करें तो इंग्लैंड और श्रीलंका के बाद भारत ने सर्वाधिक बल्लेबाजों से पारी की शुरुआत करवायी। इंग्लैंड ने इस बीच 17, श्रीलंका ने 12, भारत ने 11, दक्षिण अफ्रीका ने 10, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान ने नौ-नौ खिलाड़ियों को सलामी बल्लेबाज के रूप में आजमाया। 

न्यूजीलैंड ने टॉम लैथम की वजह से इस बीच स्थायित्व दिखाया और पिछले पांच वर्षों में उसने केवल चार खिलाड़ियों को ओपनिंग का दायित्व सौंपा। लैथम ने पिछले पांच वर्षों में अपनी टीम की तरफ से सभी 42 मैचों में पारी का आगाज किया। 

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