अहमदाबाद। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की संचालन संस्था ने गुरुवार को यहां वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के दौरान इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में दो नई फ्रेंचाइजियों के प्रवेश को स्वीकृति दी जिससे 2022 से यह 10 टीमों का टूर्नामेंट होगा। साथ ही 2028 ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल कराने के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की कवायद का भी समर्थन करने का फैसला किया गया।
बोर्ड के सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘दो नई टीमों को 2022 आईपीएल में शामिल किया जाएगा।’’
ये भी पढ़ें - IND vs AUS : इन 5 बदलावों के साथ दूसरे टेस्ट में उतर सकती है टीम इंडिया, आकाश चोपड़ा ने बताई प्लेइंग इलेवन
पता चला है कि अगले साल नौ टीमों के आईपीएल के आयोजन के लिए समय काफी कम है क्योंकि विस्तृत निविदा प्रक्रिया, मैचों की संख्या में इजाफे और विदेशी खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर में सामंजस्य की जरूरत होगी जो काफी मुश्किलों से भरा काम होगा। एक अन्य बड़े फैसले में बीसीसीआई अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) से कुछ स्पष्टीकरण के बाद क्रिकेट के टी20 प्रारूप को 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक में शामिल करने की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की दावेदारी का सैद्धांतिक रूप से समर्थन करने को राजी हो गया।
एजीएम के हिस्सा लेने वाले एक सदस्य ने कहा, ‘‘देखिए, बीसीसीआई स्वायत्त संस्था है और वह अपनी स्वायत्ता को बकरार रखना चाहती है। हमारी विधिक टीम कुछ स्पष्टीकरण चाहती है। बेशक, क्रिकेट का ओलंपिक में शामिल होना खेल के लिए शानदार होगा। उम्मीद करते हैं कि हम सही दिशा में आगे बढ़ेंगे।’’
ये भी पढ़ें - सचिन तेंदुलकर ने कहा अजिंक्य रहाणे भी विराट कोहली की तरह आक्रामक कप्तान हैं
बोर्ड ने हालांकि यह खुलासा नहीं किया कि इस मामले में उसे किस तरह के स्पष्टीकरण की जरूरत है। बीसीसीआई ने फैसला किया है अगले साल विश्व टी20 की मेजबानी के लिए अगर उसे सरकार से पूर्ण कर छूट नहीं मिलती है जैसे कि आईसीसी ने मांग की है तो वह वैश्विक संस्था से मिलने वाले 39 करोड़ डॉलर के अपने वार्षिक राजस्व से कटौती के लिए तैयार हो जाएगा।
सूत्र ने कहा, ‘‘हमने आईसीसी से कहा है कि हम कर छूट के लिए सरकार से संपर्क करेंगे लेकिन अगर हमें छूट नहीं मिली तो यह राशि हमारे वार्षिक राजस्व से काट ली जाए जो लगभग 12 करोड़ 30 लाख डॉलर बैठती है और ऐसे में हमें लगभग 26 करोड़ 70 लाख डॉलर की राशि मिलेगी। लेकिन भारत 2021 टी20 विश्व कप की मेजबानी कर रहा है।’’
यह भी फैसला किया गया कि सभी पुरुष और महिला प्रथम श्रेणी खिलाड़ियों को कोविड-19 महामारी के कारण संशोधित घरेलू सत्र को देखते हुए उपयुक्त मुआवजा दिया जाएगा। बीसीसीआई कई महीनों के विलंब के बाद जनवरी में सैयद मुश्ताक अली टी20 चैंपियनशिप के साथ घरेलू सत्र शुरू करने की योजना बना रहा है।
ये भी पढ़ें - ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज पैट कमिंस ने किया स्वीकार, करते थे अश्वेत लोगों पर पीड़ादायक टिप्पणी
इसके लिए धनराशि अलग रखने के बारे में पूछने पर बोर्ड के सूत्र ने कहा,‘‘बीसीसीआई राज्य इकाइयों को एकमुश्त मुआवजा राशि देगा। अब वे अपनी स्वयं की सूची बनाएंगे और इसी के अनुसार अपने महिला और पुरुष खिलाड़ियों को मुआवजा देंगे।’’
बीसीसीआई ने फैसला किया है कि महिला टूर्नामेंटों (सीनियर एवं जूनियर) के साथ आयु वर्ग के टूर्नामेंटों (अंडर-23, अंडर-19, अंडर-16) का आयोजन आईपीएल-14 के दौरान किया जाएगा जिसके महामारी से जुड़ी चिंताओं के बावजूद भारत के आयोजित होने की पूरी संभावना है। उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रत्येक वर्ग में कम से कम एक आयु वर्ग टूर्नामेंट और आईपीएल के दौरान महिलाओं के टूर्नामेंट का आयोजन करेंगे।’’
अन्य फैसलों में कांग्रेस के अनुभवी नेता राजीव शुक्ला को उत्तराखंड के माहिम वर्मा की जगह औपचारिक रूप से बोर्ड का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। बृजेश पटेल आईपीएल संचालन परिषद के चेयरमैन बने रहेंगे। यह भी पता चला है कि आम सभा ने आईसीसी बोर्ड में सौरव गांगुली के निदेशक के रूप में बरकरार रहने के पक्ष में फैसला किया है। सचिव जय शाह वैकल्पिक निदेशक और वैश्विक संस्था की मुख्य कार्यकारियों की समिति में भारत के प्रतिनिधि होंगे।
ये भी पढ़ें - ऑस्ट्रेलियन ओपन 2021 में खेलेंगे सेरेना, फेडरर और जोकोविच
आम सभा ने महिला टेस्ट मैचों के आयोजन पर भी चर्चा की और अगले साल दो टेस्ट की श्रृंखला का आयोजन हो सकता है लेकिन इस संबंध में अंतिम फैसला बीसीसीआई की शीर्ष परिषद करेगी। बीसीसीआई ने महाप्रबंधक (खेल विकास) केवीपी राव को बर्खास्त कर दिया है जिन्हें इस्तीफा देने को कहा गया था। राव ने राज्य इकाइयों को व्यंग्यपूर्ण पत्र में बीसीसीआई को छोड़ने को अपना सबसे सुखद दिन करार दिया। पता चला है कि कोविड-19 महामारी के बीच उचित योजना नहीं बना पाना राव को बाहर करने के बड़े कारणों में से एक है।
बिहार के पूर्व कप्तान राव लंबे समय से बीसीसीआई के साथ काम कर रहे हैं और घरेलू क्रिकेट के संचालन की मुख्य जिम्मेदारी उनके पास थी। इसके साथ ही अंपायरों और स्कोरर की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गई। बीसीसीआई के मान्यता प्राप्त स्कोरर और अंपायर अब 55 की जगह 60 बरस की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे।
सूत्र ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि अंपायर और स्कोरर किसी भी अन्य पेशेवर की तरह शारीरिक रूप से पर्याप्त फिट हैं कि 60 बरस की उम्र तक काम कर सकें।’’
गांगुली के कथित हितों के टकराव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। गांगुली के माई11 सर्कल फेंटेसी गेमिंग ऐप का प्रचार करने को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई। यह गेमिंग ऐप ड्रीम11 की सीधी प्रतिद्वंद्वी है जो आईपीएल का टाइटिल प्रायोजक है।
राज्य इकाई के सदस्य ने कहा, ‘‘कोई सवाल नहीं पूछा गया और मीडिया में आई एक रिपोर्ट के विपरीत यह कभी चर्चा का मुद्दा नहीं था।