EU ने रूस पर की कड़ी कार्रवाई, पुतिन की दोनों बेटियों पर लगाया प्रतिबंध
यूरोप | 08 Apr 2022, 6:07 PMईयू के एक बड़े अधिकारी ने कहा, हमारे प्रतिबंधों का उद्देश्य रूसी सैनिकों के लापरवाह, अमानवीय और आक्रामक व्यवहार को रोकना है।
ईयू के एक बड़े अधिकारी ने कहा, हमारे प्रतिबंधों का उद्देश्य रूसी सैनिकों के लापरवाह, अमानवीय और आक्रामक व्यवहार को रोकना है।
रूस ने यह मान लिया कि इस युद्ध में उसके सैनिकों को भारी नुकसान हुआ है। रूसी सेना के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को स्वीकार किया।
दरअसल इस मामले को रूसी सुरक्षा काउंसिल के डिप्टी सेक्रेटरी मिखाइल पोपोव ने उजागर किया है। उन्होंने दावा किया है कि यूक्रेन युद्ध के दौरान पिछले सप्ताह ही अमेरिका ने रूस से 43 फीसदी ज्यादा यानी करीब हर रोज एक लाख बैरल तेल की खरीद की है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से रूस को निलंबित करने के लिए अमेरिका द्वारा लाये गये एक प्रस्ताव को पारित करने के लिए 193 सदस्यीय महासभा (यूएनजीए) में इसके (प्रस्ताव के) पक्ष में 93 मत पड़े, जबकि भारत सहित 58 देश अनुपस्थित रहे।
रूस के भीषण हमले के कारण यूक्रेन में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के कारण विश्वविद्यालयों को बंद कर दिया गया था लेकिन पूर्वी यूरोपीय देश के विश्वविद्यालयों ने पिछले महीने से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी हैं।
बुचा से तस्वीरों के सामने आने के बाद कई देशों ने घटना की निंदा करते हुए इसकी जांच कराने की मांग उठाई है।
उत्तर अटंलाटिक संधि संगठन (NATO) के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने बृहस्पतिवार को संगठन के सदस्य देशों से यूक्रेन के लिए और अधिक हथियार उपलब्ध कराने का आह्वान किया।
यूक्रेन की राजधानी कीव के उपनगर बुचा से सामने आई नागरिकों के शवों की भयावह तस्वीरों और वीडियो के बाद संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने रूस को 47-सदस्यीय मानवाधिकार परिषद से हटाने का आह्वान किया था।
यूक्रेन अपनी राजधानी कीव के आसपास के कस्बों में नागरिकों की बर्बर हत्या के सबूत एकत्रित कर रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि रूसी सैनिकों के यूक्रेन के कुछ इलाकों से हटने से पहले वहां नागरिकों की कथित तौर पर अंधाधुंध हत्या की गई थी।
ब्रायन दीसे ने यूक्रेन हमले को लेकर आगे कहा कि निश्चित रूप से कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां हमें चीन और भारत के फैसलों ने निराश किया है। ब्रायन ने कहा कि अमेरिका ने भारत को बता दिया है कि रूस के साथ और खुलकर रणनीतिक गठजोड़ करने पर उसके भयंकर दुष्परिणाम भुगतने होंगे और वे लंबे समय तक चलेंगे।
सीनेट में इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष सीनेटर जॉन कोर्निन ने इस मुद्दे पर भारत की टिप्पणियां का स्वागत किया। वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मतदान से भारत के दूर रहने की आलोचना करते रहे हैं।
बूचा अटैक के बाद आज UN में ह्यूमन राइट्स काउंसिल की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में रूस को काउंसिल से बाहर निकालने के लिए वोटिंग कराई जा सकती है। वहीं बूचा में आम नागरिकों के मारे जाने पर दुनियाभर में रूस की आलोचना हो रही है।
एस जयशंकर ने कहा कि आज की वैश्विक परिस्थितियों में हमारा मानना है कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों तथा सभी की क्षेत्रीय अखंडता एवं सम्प्रभुता का सम्मान करना चाहिए।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में यूक्रेन के बूचा शहर में आम नागरिकों को बर्बरता से मारने की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए निष्पक्ष जांच का समर्थन किया है।
निचले सदन में नियम 193 के तहत यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि उसे मौजूदा समय में गुटनिरपेक्षता से जुड़े नेहरूवादी सिद्धांत का अनुसरण करना चाहिए जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है।
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