जीका वायरस जानलेवा नहीं है, लेकिन यह गर्भवती महिलाओं के अंदर पल रहे शिशु का सिर बेहद छोटा कर देता है। इससे बच्चे को जन्म के बाद कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामले पाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सचेत किया है। साथ ही सलाह दी है कि गर्भवती महिलाओं की नियमित व सही ढंग से जांच करें।
Zika Virus: जीका वायरस एक ऐसी संक्रामक बीमारी है जो कि गर्भवती महिला से उनके भ्रूण तक फैल सकती है। ऐसे में जानते हैं इस वायरस के फैलने का कारण और इनके लक्षण।
एंटीबॉडी दो तरह से उपयोगी हो सकता है, पहला तो इसमें जीका वायरस संक्रमण को पहचानने की क्षमता है और दूसरा कि यह आगे चलकर संक्रमण के इलाज के लिए भी उपयोगी हो सकता है।"
जयपुर में जीका वायरस की रोकथाम को लेकर बुलाई गई बैठक में बताया गया कि 450 विद्यालयों के करीब 15,000 छात्रों ने स्कूलों और कॉलोनियों के आस-पास स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए काम करने की प्रतिबद्धता जताई है।
जयपुर में जीका विषाणु से संक्रमण के आठ नए मामले सामने आने से इस इससे संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 117 हो गयी है।
राजधानी में जीका संक्रमण के अधिकतर मामले शास्त्री नगर इलाके में पाए गए है। इलाके में फोगिंग और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लार्वा को नष्ट करने के उपाय किए जा रहे है।
अभी तक शास्त्रीनगर के 96,000 आवासीय मकानों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जा चुका है। शास्त्रीनगर और आसपास के इलाकों में मच्छरों का लार्वा पाये जाने पर उसे नष्ट किया गया।
राजधानी जयपुर में जीका का सबसे ज्यादा प्रभाव देखा जा रहा है। यहां शनिवार तक जीका के 55 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
जयपुर के निर्धारित इलाके में सभी संदिग्ध मामलों को और इस इलाके के मच्छरों के नमूनों की जांच की जा रही है। विषाणु शोध एवं रोग पहचान प्रयोगशालाओं को अतिरिक्त जांच किट मुहैया की गई हैं।
जयपुर में जीका वायरस की पुष्टि हो गई है। अगर वायरस जयपुर में है तो दिल्ली आने में देर नहीं लगेगी। कई डॉक्टर्स का कहना है कि दिल्ली में भी जीका वायरस पहुंच चुका है। जानें इसके लक्षण और बचने के उपाय।
विश्व मच्छर दिवस:आपको बता दें इस दिन पेशेवर चिकित्सक सर रोनाल्ड रास ने वर्ष 1896 में यह खोज की थी कि इंसान में मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी के लिए रेस्पोंसिबल मादा मच्छर है। जानिए मच्छर के कटने से कौन-कौन सी जानलेवा बीमरियां फैलती है।
एक नया शोध बताता है कि जीका संक्रमण के कारण किसी महिला की गर्भावस्था में बाधा पड़ सकती है। इसका कोई लक्षण भले ही नजर न आता हो, लेकिन यह गर्भपात और मृत शिशु के जन्म का कारण हो सकता है। ऐसे करें खुद का बचाव।
दरअसल 2017 में सीजनल बीमारियों ने तो परेशान ही किया इसके साथ ही कई बीमारी महामारी के रुप में सभी को खूब रूलाया। गोरखपुर में हुई घटना से पूरा देश हिल गया था। जानइए कौन सी बीमारी 2017 में सबसे ज्यादा हुई...
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दो प्रारंभिक क्लीनिक परीक्षणों में एक प्रायोगिक जीका टीका विकसित किया है, जो घातक वायरस द्वारा संक्रमण को रोकने में सुरक्षित और भरोसेमंद है।
सन फार्मास्युटिकल्स इंडस्ट्रीज और एनआईवी ने जीका, चिकुनगुनिया और डेंगू जैसी बीमारियों के इलाज के लिए नई दवाइयों का परीक्षण करने को हाथ मिलाया है।
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