भारत में सोने की मांग इस तिमाही में एक साल पहले की तुलना में 19 प्रतिशत बढ़कर 85,010 करोड़ रुपये की हो गई। जुलाई-सितंबर, 2021 की तिमाही में भारत में 71,630 करोड़ रुपये मूल्य के सोने की मांग रही थी।
2018 में आरबीआई के पास स्वर्ण भंडार 558.1 टन था। पिछले दो सालों में देश के स्वर्ण भंडार में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अप्रैल-जून तिमाही में वैश्विक सोने की मांग में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाले एक प्रतिशत की गिरावट हुई और यह 955.1 टन रही।
हस्तशिल्प वाले स्वर्ण आभूषणों में एक नई रुचि पैदा हुई है, लेकिन हमें समकालीन महिलाओं की सौंदर्य संबंधी संवेदनाओं से मेल रखने के लिए रचनात्मक समाधान ढूंढने की आवश्यकता है।
2020 में सिर्फ सोने की मांग में ही गिरावट नहीं आई है बल्कि इसकी सप्लाई भी घटी है, WGC के अनुसार 2020 में दुनियाभर में कुल 4633 टन सोने की सप्लाई दर्ज की गई है जो 2019 के मुकाबले 4 प्रतिशत कम है।
तिमाही के दौरान सोने की कुल निवेश मांग 21 प्रतिशत बढ़कर 494.6 टन पर पहुंच गई। तिमाही के दौरान वैश्विक स्तर पर निवेशकों ने 222.1 टन सोने की छड़ और सिक्के खरीदे। इसके अतिरिक्त उन्होंने गोल्ड ईटीएफ के जरिये 272.5 टन सोना खरीदा।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक सितंबर तिमाही के दौरान सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में सोने की मांग में गिरावट देखने को मिली है, सितंबर तिमाही दुनियाभर में सोने की मांग में 19 प्रतिशत की भारी गिरावट देखने को मिली है और कुल 892.3 टन सोने की मांग दर्ज की गई है।
जब तक आभूषण उद्योग के कारीगर काम पर नहीं लौट आते और आपूर्ति श्रृंखला को जल्द से जल्द शुरू नहीं कर लिया जाता, तब तक आगे के हालात भी चुनौतीपूर्ण रहने की आशंका है।
कोरोना वायरस का प्रभाव दूसरी तिमाही में इससे भी बुरा होगा, क्योंकि लॉकडाउन मई तक बढ़ाया गया है और स्थितियां सामान्य होने में अभी और समय लगेगा।
WGC के मुताबिक पारदर्शिता के लिए डिजिटल लेन देन का बढ़ना बेहतर संकेत होगा
साल 2019 के दौरान भारत में सोने की मांग में 9 फीसदी की गिरावट देखने मिली है
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 के पहले नौ महीने में देश की सोने की कुल मांग गिरकर 496.11 टन रह गई। एक साल पहले जनवरी-सितंबर में यह आंकड़ा 523.9 टन था।
आर्थिक नरमी और स्थानीय स्तर पर ऊंची कीमतों की वजह से भारत की सोने की मांग पिछले साल के मुकाबले इस साल सितंबर तिमाही में 32 प्रतिशत घटकर 123.9 टन पर आ गई है।
त्योहारी एवं वैवाहिक मौसम तथा आकर्षक कीमत के कारण इस साल अप्रैल-जून तिमाही में देश में सोने की मांग 13 प्रतिशत बढ़कर 213.20 टन पर पहुंच गयी।
वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का कहना है कि आम बजट में सोने एवं अन्य महंगी धातुओं पर आयात शुल्क बढ़ाने का निर्णय पूरी तरह सोच-समझकर किया गया है।
रुपए की मजबूती तथा स्थानीय स्तर पर सोने की कीमतों में गिरावट की वजह से पहली तिमाही में सोने की मांग बढ़कर 159 टन पर पहुंच गई।
भारत में ज्वैलरी के लिए सोने की मांग में 10 प्रतिशत और निवेश के लिए 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है
रिजर्व बैंक के बाद अब वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि जुलाई के दौरान भारत ने 6.8 टन सोने की खरीद की है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में सोने का आधिकारिक रिजर्व 64.6 टन है और वह दुनियाभर में गोल्ड रिजर्व के मामले में 44वें स्थान पर है।
2018 की पहली छमाही के दौरान वैश्विक स्तर पर सोने की मांग 9 साल के निचले स्तर पर आ गई है
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