दक्षिणी चीन सागर में विवादित क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश करते हुए चीनी जहाज को उल्टे भागना पड़ गया है। इंडोनेशिया ने दावा किया है कि उसके तटरक्षक बलों ने चीनी सैन्य बलों वाले जहाज को भिड़ंत के बाद पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।
ताइवान के अनुसार चीन ने उस पर हमले की तैयारी शुरू कर दी है। इस दावे के बीच चीन के युद्धपोतों का एक समूह द्वीप क्षेत्र में स्पॉट किया गया है। इसके बाद ताइवान ने अपनी सेनाओं को सतर्क कर दिया है।
चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन ने अपना एक युद्ध पोत 2 विध्वंसकों के साथ जापान के जल क्षेत्र में प्रवेश कर लिया। इससे दोनों देशों की सेनाओं में तनाव बढ़ गया है।
जापान के समुद्र में उस वक्त हलचल मच गई, जब चीनी जासूसी जहाज उनकी सीमा में दाखिल हो गया। जापान ने बिना देरी किए अपने लड़ाकू विमानों और युद्धपोतों को चीनी जहाज के पीछे लगा दिया।
चीन के एक विमानवाहक पोत में आग लगने से हड़कंप मच गया। घटना जिग्यांसू प्रांत में यांग्त्जे नदी के पास हुई। हालांकि आग लगने से कोई सदस्य हताहत नहीं हुआ। कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया।
हमास चीफ इस्माइल हानिया उर्फ इस्माइल हनिये की तेहरान में हत्या के बाद इजरायल-ईरान में युद्ध का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में इजरायल की रक्षा करने के लिए अमेरिका ने पूरे पश्चिम एशिया में लड़ाकू विमानों और युद्धपोतों का बड़ा दस्ता भेज दिया है। इससे ईरान समेत अन्य देश भी टेंशन में आ गए हैं।
एडवांस फ्रिगेट में उच्च स्वदेशी सामग्री होगी, जिसमें स्थानीय रूप से विकसित अग्नि नियंत्रण प्रणाली, ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल, पनडुब्बी रोधी हथियार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली शामिल होंगी।
ओमान के तट पर डूबे पोत के बाद लापता हुए 13 भारतीयों समेत सभी 16 नागरिकों की तलाश के लिए भारतीय नौसेना की ओर से बचाव और तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। इसके लिए भारतीय नौसेना ने आईएनएस तेग की तैनाती की है।
भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी का गहरी समझ है। दोनों देशों के बीच दोस्ती का एक लंबा इतिहास है। भारतीय नौसेना का P81 विमान एंटी सबमरीन वारफेयर एक्सरसाइज और जापान पहुंच गया है।
इजरायल-हमास युद्ध के बाद से ही अदन की खाड़ी से लेकर लाल सागर में हूती विद्रोही लगातार वाणिज्यिक जहाजों पर हमले कर रहे हैं। अब तक दर्जनों जहाजों पर मिसाइल और ड्रोन हमले हो चुके हैं। बुधवार को भी बारबडोस का झंडा लगे एक जहाज पर मिसाइल हमला हो गया। इसके बाद भारतीय नौसेना संकटमोचक बनकर मौके पर पहुंच गई।
यमन के हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक कारोबारी जहाज पर मिसाइल से हमला कर दिया है। इजराइल और हमास की गाजा में जंग के बाद यह पहला मौका है जब हूती विद्रोहियों के हमले में जानें गई हैं।
हूती विद्रोही लगातार हमलावर हैं। वे कारोबारी जहाजों को निशाना बना रहे हैं, साथ ही अमेरिकी विध्वंसक जहाजों पर भी हमले करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामले में हूतियों ने अमेरिकी जंगी जहाजों पर ड्रोन अटैक किया है।
चीन ने ताइवान के नए राष्ट्रपति के मई में कार्यभार संभालने से पहले ताइपे पर भारी दबाव बनाना शुरू कर दिया है। ताइवान जलडमरूमध्य के पास चीन ने अपने फाइटर प्लेन और युद्धक पोत की तैनाती कर दी है। साथ ही तटरक्षकों की गश्त को भी बढ़ा दिया है। इससे ताइवान परेशान है।
" चीन की इस गतिविधि से पहले 14 फरवरी को यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख के लिए अमेरिकी नामित एडमिरल सैमुअल पापारो ने चेतावनी दी थी कि चीन जल्द ही ताइवान पर आक्रमण को छिपाने के लिए सैन्य अभ्यास का उपयोग करने की क्षमता हासिल कर सकता है।
नौसेना की एक विस्फोटक आयुध निपटान टीम पोत पर गई और उसे संभावित जोखिम से बचाया। इसके बाद पोत को आगे की यात्रा की मंजूरी दी गई।
यूक्रेन की सेना ने काला सागर में रूस के एक युद्धपोत को ड्रोन हमले में समुद्र में डुबोने का दावा किया है। यूक्रेन ने दावे में कहा कि उसने रूसी पोत पर हमला करके उसे समुद्र में डुबो दिया है। वहीं रूसी जांच कर्ताओं ने दावा किया था कि यूक्रेन ने अमेरिका निर्मित 2 पैट्रियट मिसाइलों द्वारा पोत को मार गिराया था।
चीन और ताइवान के बीच तनातनी जारी है। इसी बीच ताइवान ने एक बार फिर बड़ा दावा किया है कि ताइवान के आसपास चीन के 7 फाइटर जेट और 4 नौसैनिक जहाज मंडराते देखे गए। यही नहीं, चीनी जासूसी गुब्बारा भी देखा गया, हालांकि बाद में वो गायब हो गया। इससे चीन की आक्रामता का पता चलता है।
हूती विद्रोहियों पर अमेरिका और ब्रिटेन ने मिलकर जोरदार हमले किए हैं। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी बड़ी चेतावनी दे डाली है कि हूती नहीं माने तो और हमलों में संकोच नहीं करेंगे। इस पर हूतियों ने भी जवाबी हमले किए हैं और कहा है कि परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहो।
भारत के साथ दोस्ती दिखाते हुए ब्रिटेन हिंद महासागर में अपने युद्धपोत भेजकर तैनात करेगा। इससे चीन की टेंशन बढ़ने वाली है। ब्रिटेन ने यह खुलासा भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की ब्रिटेन यात्रा के दौरान किया है।
भारत द्वारा उसके पड़ोस में चीनी रिसर्च जहाजों के रुकने पर चिंता जताए जाने के बीच श्रीलंका ने ऐसे जहाजों के प्रवेश पर एक साल के लिए रोक लगाने की घोषणा की है।
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