पुणे में प्रदूषित पानी के कारण गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस दुर्लभ तंत्रिका विकार से संक्रमण के संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर अब 192 हो गई है। पुष्ट मामलों की संख्या 167 है।
मुंबई में ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम’ (GBS) का पहला मामला सामने आया है, जहां 64 वर्षीय महिला को यह दुर्लभ तंत्रिका विकार हुआ। महिला ICU में भर्ती है। पुणे में GBS से 6 संदिग्ध मौतें हुईं हैं।
पुणे में प्रदूषित पानी के कारण गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस दुर्लभ तंत्रिका विकार से संक्रमण के संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर अब 163 हो गई है।
गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) की वजह से महाराष्ट्र में मौतों का आंकड़ा 5 पहुंच गया है। आज भी 3 नए मरीज मिले हैं। पुणे और पिंपरी चिंचवड के पास के ज्यादातर मामले हैं।
महाराष्ट्र में गिलियन-बैरे सिंड्रोम से ग्रसित लोगों की संख्या बढ़ रही है। पुणे में अब तक कई मामले सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थानीय लोगों को इससे बचने के लिए उपायों की गाइडलाइन भी जारी की है।
छत्तीसगढ़ में 3 साल के बच्चे में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट हो गई है। डॉक्टरों ने बताया कि सैंपल को रायपुर एम्स में भेजा गया था।
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी है। जिसमें वायरस शरीर के इम्यून सिस्टम, दिमाग और रीढ़ की हड्डी के बाहर की नसों पर हमला करते हैं। इस बीमारी से मांसपेशियों में कमज़ोरी, दर्द, सुन्नता, और झुनझुनी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
भारत के एक राज्य में 'मंकीपॉक्स' का केस दर्ज किया गया है। दुबई से लौटे एक शख्स को वायरस से संक्रमित पाया गया है। आइए जानते हैं इस मामले के बारे में।
गिलियन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमें अचानक सुन्नता और मांसपेशियों में कमजोरी हो जाती है। इसके साथ ही इस बीमारी में अंगों में गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण भी होते हैं।
तंजानिया में मारबर्ग नामक वायरस से 8 लोगों की मौत का मामला सामने आया है। इससे पहले यह वायरस रवांडा में 15 लोगों की जान ले चुका है। इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने सतर्क हो गया है।
सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम पर पीएम नरेंद्र मोदी के पुराने वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि देश में 21 दिन का लॉकडाउन लगने जा रहा है। यह दावा पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक है।
एचएमपी वायरस को लेकर पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बुधवार को अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि वे लोग किसी अफवाह पर ध्यान न दें।
HMP वायरस इस समय देश में अपने पंख फैलाने की कोशिश कर रहा है। केंद्र सरकार ने राज्यों को लोगों को जागरूक करने की सलाह दी है। ऐसे में आइए इस वायरस से जुड़ी कुछ बातें जानते हैं...
महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ राहुल पंडित ने इस वायरस के बारे में जानकारी दी है और कहा है कि यह सामान्य फ़्लू निमोनिया जैसा है। इससे अधिक केसेस दूसरी वायरल बीमारी के हमारे पास आते हैं।
देश में HMPV के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अब नागपुर में एचएमपीवी संक्रमण के दो मरीज मिले हैं। इनमें एक 7 साल का बच्चा और एक 14 साल की बच्ची शामिल है।
तमिलनाडु में एचएमपीवी वायरस संक्रमण के 2 मामले सामने आए हैं। तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन दोनों मामलों की पुष्टि की गई है। इसे लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई, जिसमें बताया गया है कि ये दोनों मामले चेन्नई और सलेम से सामने आए हैं।
देश में HMP वायरस के कुछ केस सामने आए हैं। इसपर हेल्थ मिनिस्टर जेपी नड्डा ने कहा है कि यह वायरस कोई नया वायरस नहीं है। पहली बार 2001 में पहचान हुई थी। ये हवा के जरिए सांस लेने से फैलता है। उन्होंने कहा कि इसपर चिंता की कोई बात नहीं है, WHO इसपर नजर बनाए हुए है।
भारत में HMPV ने दस्तक दे दी है। इसके तीन मामले सामने आ चुके हैं। दो मामले कर्नाटक में मिले हैं, तीसरा केस गुजरात के अहमदाबाद में सामने आया है। इस बीच कर्नाटक सरकार ने सोमवार को आश्वासन दिया कि HMPV को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है।
अहमदाबाद के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती दो महीने के एक बच्चे के HMPV से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद गुजरात सरकार एक्शन मोड़ में आ गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से HMPV को लेकर लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। इस एडवाइजरी में बताया गया है कि लोगों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
चीन के बाद भारत में भी HMPV वायरस के केस सामने आने लगे हैं। ICMR की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक के दो बच्चों को HMPV वायरस से संक्रमित पाया गया है। वहीं, एक और मामला गुजरात से सामने आया है।
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