आधार कार्ड हर भारतीय के लिए एक विशिष्ट पहचान के तौर पर जाना जाता है। इसके साथ हुई किसी भी तरह की छेड़छाड़ से आपकी डिजिटल आइडेंटिटी खतरे में पड़ सकती है। UIDAI ने आथार कार्ड धारकों के लिए वॉर्निंग जारी की है।
वयस्कों से अलग, बच्चों को कार्ड जारी करने के लिए किसी बायोमेट्रिक डेटा की आवश्यकता नहीं होती है। इसके बजाय, यूआईडी को जनसांख्यिकीय जानकारी और उनके माता-पिता के यूआईडी से जुड़े चेहरे की तस्वीर के आधार पर इसे जारी किया जाता है।
आधार, सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली डिजिटल पहचान के रूप में, कई सब्सिडी, लाभ और सेवाओं का लाभ उठाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
ईपीएफओ ने इस सर्कुलर में कहा है कि आधार को जन्म प्रमाण पत्र नहीं है, बल्कि यह मुख्य तौर पर एक पहचान सत्यापन उपकरण है। आधार भारत सरकार की ओर से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जारी 12 अंकों की व्यक्तिगत पहचान संख्या है।
Aadhaar Card: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की ओर से चार तरह के आधार जारी किए जाते हैं। इसमें आधार लेटर, ई-आधार, एमआधार ऐप और पीवीसी आधार ऐप शामिल है।
एक्स पर हाल ही में एक पोस्ट के जरिए एजेंसी ने कहा कि वह कभी नागरिकों से वॉट्सऐप, ईमेंल या फिर दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में आईडीप्रूफ, एड्रेस प्रूफ या फिर पर्सनल जानकारी की मांग नहीं करती है।
UIDAI ने इसे हर जगह कैरी करने में आसान बनाने के लिए पीवीसी कार्ड वाला आधार कार्ड लॉन्च किया है। इसे कोई भी आधार कार्ड धारी 50 रुपये के शुल्क में बनवा सकता है।
आधार कार्ड में अक्सर फोटो काफी खराब आती है ऐसे में जब हमें किसी के सामने अपना आधार कार्ड दिखाना होता है तो काफी हिचक होती है और हमे आधार कार्ड निकालने में भी शर्म आती है। आपको बता दें कि आधार की फोटो को आसानी से बदला जा सकता है।
UIDAI के बयान के अनुसार, फेस ऑथेंटिकेशन की संख्या बढ़ रही है। जनवरी, 2023 में ऐसे सत्यापन की तुलना में मई में हुए सत्यापन की संख्या में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने आधार अपडेट कराने के लिए फीस को खत्म कर दिया है। यूआईडीएआई के इस फैसले से लाखों लोगों को फायदा मिलेगा।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एप्लीकेशन में AI बेस्ड एक नया फीचर ऐड किया है. अब इसकी मदद से आप घर बैठे आधार से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी पा सकेंगे. अब किसी भी प्रकार के अपडेशन के लिए आपको आधार केंद्र में लाइन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
UIDAI ने पुष्टि की है कि 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति HOF हो सकता है और इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने रिश्तेदारों के साथ अपना पता साझा कर सकता है।
UIDAI Rule: आप पीवीसी आधारकार्ड (PVC Aadhaar Card) बनवाने के लिए किसी भी गैर रजिस्टर नंबर पर ओटीपी मंगवा सकते हैं। यह आपकी कई समस्याओं को चुटकी में हल कर सकता है।
UIDAI अब जन्म लेने के साथ ही बच्चे का आधार कार्ड बनाएगा। इसमें जन्म से लेकर 5 साल तक के बच्चे के बायोमेट्रिक डिटेल्स जैसे फिंगरप्रींट्स और आंखों को स्कैन नहीं किया जाएगा। जब बच्चे की उम्र 5 साल से ज्यादा हो जाएगी तब आधार कार्ड को फिर से अपडेट करवाना होगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, UIDAI की देश के दूर-दराज के इलाकों तक सेवा पहुंचने की योजना है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे आधार कार्ड के दुरुपयोग से बचने के लिए किसी भी संगठन के साथ अपने आधार की फोटोकॉपी साझा न करें। फोटोकॉपी के बजाय UIDAI ने 'मास्क' वाले आधार के उपयोग का सुझाव दिया है।
ऑफलाइन माध्यम के जरिये आधार कार्ड के क्यूआर कोड से जानकारी सत्यापित की जा सकती है।
श्रीनगर में डल झील से लगे बिशंभर नगर में हाल ही में दो पाकिस्तानी आतंकवादियों के मारे जाने के बाद ‘बायोमीट्रिक आईडी’ (आधार) का दुरुपयोग सामने आया था।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सौरभ गर्ग ने कहा कि 'नवजात शिशुओं को आधार नंबर देने के लिए यूआईडीएआई बर्थ रजिस्ट्रार के साथ टाईअप करने की कोशिश कर रहा है।'
प्रमाणीकरण के लिए स्मार्टफोन का उपयोग करके पहचान की प्रक्रिया कैसे पूरी हो सकती है, इस पर कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं दी।
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