Triple Talaq in UP: तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को बचाने के लिए भले ही नए कानून से इसे काफी हद तक महिलाओं को सुरक्षित करने का काम किया गया हो, बावजूद इसके मामले पूरी तरह थमने के नाम नहीं ले रहे हैं। यूपी के मेरठ में तीन तलाक का बेहद संवेदनहीन मामला सामने आया है।
पिछले साल 5 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने की घोषणा की थी।
तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने से उत्साहित वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने क्षेत्रीय सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने हाथ से राखियां बनाकर भेजी हैं। इस नेक काम को कुछ मुस्लिम मौलानाओं ने सराहा तो कुछ ने इसे 'सस्ते प्रचार का तरीका' बताया है।
आपको बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद में पारित ‘तीन तलाक’ विधेयक को गुरुवार को मंजूरी दी थी।
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि ट्रिपल तलाक बिल के विरोध ने ‘छद्म उदारवादियों का पर्दाफाश’ कर दिया है।
आपको बता दें कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) के तहत मुस्लिम महिलाओं से एक साथ तीन तलाक को अपराध करार दिया गया है।
देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने तीन तलाक संबंधी विधेयक के संसद से पारित होने के बाद बुधवार को कहा कि यह मुस्लिम महिलाओं के साथ इंसाफ नहीं करेगा, बल्कि उनका भविष्य अंधकार में धकेल देगा।
इस कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए सजा का प्रावधान तो रखना होगा। जब सजा का डर होगा तो धीरे-धीरे तीन तलाक की ये कुप्रथा अपने आप समाज से खत्म हो जाएगी।
मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए आखिरकार तीन तालक बिल राज्यसभा से पास कराने में सफलता हासिल कर ली।
मुस्लिम महिलाओं के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। आज राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास हो गया है।
लोकसभा में ट्रिपल तलाक विधेयक आज चर्चा के लिए पेश होने जा रहा है और बिल पेश होने से पहले केंद्र सरकार में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने बिल का विरोध करने का ऐलान किया है
लोकसभा में 'तीन तलाक विधेयक' पर चर्चा शुरू हो गई है। बिल को सदन में पेश करते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये मजहब का मामला नहीं है यह नारी अस्मिता का प्रश्न है।
केंद्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि जो धर्म के नाम पर तीन तलाक कानून का विरोध कर रहे हैं वह मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय कर रहे हैं।
17वीं लोकसभा के गठन के बाद नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बिल है जिसे केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद में पेश किया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (युनाइटेड) ने गुरुवार को यहां कहा कि वह तीन तलाक के मुद्दे पर राज्यसभा में भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार का समर्थन नहीं करेगी।
पीएम मोदी ने अब मुसलमानों के बीच पहुंच बनाने के लिए गंभीर कदम उठना शुरू कर दिया है, और इस लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए तीन तलाक बिल एक बार फिर से 17वीं लोकसभा में पेश किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को तीन तलाक विधेयक वापस लेने के वादे को लेकर कांग्रेस की जमकर आलोचना की।
केंद्र सरकार विवादित ट्रिपल तलाक बिल को आज राज्य सभा से पारित करवाने की भरसक कोशिश करेगी।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की महिला शाखा ने तीन तलाक से संबंधित विधेयक के महिला विरोधी होने का आरोप लगाया और राज्यसभा सदस्यों से इसे कानूनी जांच के लिए प्रवर समिति को भेजने को आह्वान किया।
महबूबा ने कहा कि जब हम मुस्लिमों के लिए आरक्षण की बात करते हैं तो भाजपा यह कहते हुए इसे नकार देती है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता, लेकिन जब ट्रिपल तलाक पर कानून बनाने की बात आती है तो भाजपा संसद पहुंच जाती है
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