टमाटर का ट्रक पलटने के बाद गांव के कई लोग टमाटर लूटने पहुंचे थे। हालांकि, पुलिस को देख सभी निराश होकर वापस लौट गए। ट्रक में 1800 किलो टमाटर लदा था।
टमाटर की कीमतों में उछाल इसलिए आया है क्योंकि मॉनसून की वापसी के कारण फसल को नुकसान हुआ और कीटों का संक्रमण होने से प्रमुख दक्षिणी राज्य- कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से आपूर्ति बाधित हुई है।
Vegetarian thali price : जुलाई में शाकाहारी थाली 11 फीसदी महंगी हो गई है। टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी से ऐसा हुआ। वहीं, मांसाहारी थाली 6 फीसदी महंगी हो गई।
सरकार की तरफ से उठाए गए इस कदम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि खुदरा स्तर पर प्रॉफिट मार्जिन उचित बना रहे और बिचौलियों को होने वाले अप्रत्याशित लाभ को रोका जा सके।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब उत्पादक केंद्रों में हाल ही में हुई बारिश के कारण आपूर्ति में व्यवधान के कारण टमाटर की कीमतों में उछाल आया है।
दूसरी हरी सब्जियों के दाम भी बढ़े हुए हैं। मदर डेयरी में शनिवार को तोरी 59 रुपये प्रति किलो, करेला 49 रुपये प्रति किलो, फ्रेंच बीन्स 89 रुपये प्रति किलो मिल रही है।
दिल्ली में सब्जियों के दाम काफी बढ़ गए हैं लेकिन टमाटर के भाव ने तो पेट्रोल-डीजल को भी मात दे दी है और एक किलो टमाटर की कीमत सौ रुपये हैं। ऐसे में अब टमाटर आम आदमी की रसोई से बाहर हो गया है।
शाकाहारी थाली की कीमत जून में 10 प्रतिशत बढ़कर 29.4 रुपये प्रति थाली हो गई, जो जून 2023 में 26.7 रुपये थी।शाकाहारी थाली में रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर तथा आलू), चावल, दाल, दही और सलाद शामिल है।
भीषण गर्मी और कम सप्लाई की वजह से देशभर में टमाटर की कीमतों में इजाफा हो रहा है। देश के टमाटर पैदावार करने वाले कई राज्यों खासकर दक्षिण के राज्यों में टमाटर की उपलब्धता कम देखने को मिल रही है।
दालें, टमाटर, अदरक,प्याज, बीन्स, गाजर,मिर्च और टमाटर सहित कई चीजों के खुदरा दाम बहुत तेज रहे। आम आदमी की रसोई के बजट पर इन चीजों ने बड़ा असर डाला।
ईंधन के दाम का शाकाहारी और मांसाहारी थालियों की कुल लागत में क्रमशः 14 प्रतिशत और आठ प्रतिशत योगदान रहता है। इसमें सितंबर में क्रमिक रूप से 18 प्रतिशत की गिरावट आई, क्योंकि 14.2 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1,103 रुपये से घटकर 903 रुपये हो गई।
कई किसान अपनी फसल खेतों में ही नष्ट करने लगे हैं। टमाटर की तुड़ाई और उसे मंडी पहुंचाने तक 8500 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। मंडी में भाव कम होने से उन्हें ज्यादा नुकसान हो सकता है।
थोक बाजार में जरूर कीमतें गिरकर 3 रुपये प्रति किलो आ गई है लेकिन खुदरा बाजार में अब भी टमाटर 30 रुपये प्रति किलो बिक रही है। यानी 10 गुना अधिक भाव पर टमाटर की बिक्री की जा रही है, लेकिन इसका फायदा किसानों को नहीं दिया जा रहा है।
Tomato Price: टमाटर की कीमतों में जल्द राहत देखने को मिल सकती है। केंद्र सरकार इसके लिए कोशिश में लगी हुई है।
टमाटर के दाम महीनों से 200 से 300 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से चल रहे हैं। कई जगह सब्सिडी का टमाटर 70 से 120 रुपये किलो तक बेचा गया। बावजूद इसकी डिमांड अधिक होने और आवक कम होने से इसके दामों में कमी नहीं आई है। बारिश और बाढ़ को टमाटरों के महंगा होने की मुख्य वजह माना जा रहा है। अब नेपाली टमाटरों से राहत मिल सकती है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के लोगों को राहत देने के लिए करीब पांच टन टमाटर का आयात किया है। इसकी बिक्री कल यानी गुरुवार से 50 रुपये प्रति किलोग्राम के रियायती भाव पर की जाएगी।
संसद में अविश्वास प्रस्ताव की बहस में बोलेते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बताया था कि कीमतों को कम करने के लिए भारत जल्द ही नेपाल से टमाटर का आयात करेगा।
करीब डेढ़-दो महीने तक आम आदमी का बजट हिलाने के बाद अब टमाटर के दामों में थोड़ी राहत देखने को मिल रही है। महाराष्ट्र की नागपुर मंडी में टमाटर की आवक बढ़ने से इसके थोक दाम 40 से 50 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गए हैं।
पिछले महीने टमाटर की कीमत में 233 प्रतिशत की वृद्धि से थाली की लागत में बड़ी बढ़ोतरी हुई।
Vegetables Price Hike: रिपोर्ट में कहा गया है कि मांसाहारियों के लिए थाली की कीमत में वृद्धि का एक कारण आम जनता से जुड़ा हुआ है। पूरी रिपोर्ट में कई अहम जानकारी सामने आई है।
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