आईएनएस अरिदमन अपग्रेड है और यह K-4 बैलिस्टिक मिसाइलों को ले जा सकते हैं। ये 3500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल से भी लैस होगा।
भारत अपनी नौसेना को अधिक से अधिक मजबूत करने की दिशा में बड़े कदम उठा बढ़ा रहा है। इसी क्रम में दो स्वदेशी परमाणु पनडुब्बियां भारत में बनने जा रही है। इन पनडुब्बियों के नौसेना में शामिल होने से इंडियन ओशन रीजन में भारत की ताकत में इजाफा होगा।
दुनिया की सबसे ताकतवर पनडुब्बी रूस की टायफून क्लास है। इसकी विशालकाय संरचना और चुपचाप रहने की क्षमता बेजोड़ है। नौसेना के विशेषज्ञ इसे बेहद सम्मान के साथ देखते हैं।
इजराइल और ईरान के बीच तनाव को देखते हुए अमेरिका की तरफ से बड़ा कदम उठाया गया है। अमेरिका किसी भी स्थिति में इजराइल की मदद के लिए प्रतिबद्ध है लिहाजा उसने पश्चिम एशिया में मिसाइल गाइडेड पनडुब्बी भेजने का आदेश दिया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक ट्रैक्टर तालाब में पूरी तरह डूबने के बाद भी चलकर उस पार पहुंच जाती है।
भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी का गहरी समझ है। दोनों देशों के बीच दोस्ती का एक लंबा इतिहास है। भारतीय नौसेना का P81 विमान एंटी सबमरीन वारफेयर एक्सरसाइज और जापान पहुंच गया है।
भारतीय नौसेना के डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल (DSRV) ने पीएनएस गाजी का मलबा ढूंढा। इंडियन आर्मी के एक सेवारत अधिकारी ने इसकी पुष्टि की कि विशाखापत्तन के तट से कुछ मील दूर डूबी पाकिस्तानी पनडुब्बी का मलबा मिला है।
भारत अपनी समुद्री सीमाओं को और पुख्ता बनाने के लिए 45 हजार करोड़ रुपए की लागत से खतरनाक पनडुब्बियां खरीदेगा। इस बड़ी डील से चीन और पाकिस्तान के होश उड़ जाएंगे।
भारतीय नौसेना हाई अलर्ट पर है। चीन और पाकिस्तान के वारशिप मुंबई के करीब कराची पोर्ट पर साथ दिखाई दे रहे हैं। कराची में चीन की सबमरीन डटी हुई है। यह भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। दोनों देश जंगी अभ्यास को अंजाम दे रहे हैं।
चीन के आए दिन ताइवान को धमकी देने के बीच ताइवान ने भी चीन से टक्कर लेने की ठान ली है। वह लगातार अपनी रक्षा जरूरतों को बढ़ा रहा है। इसी बीच ताइवान की पहली स्वदेशी पनडुब्बी बनाई है। इसकी लागत 1.54 बिलियन डॉलर है। ताइवान के इस स्वदेशी पनडुब्बी को बनाने की खबर से चीन को मिर्ची लग गई है। उसने खिसियाते हुए बयान दिया है।
अमेरिकी नौसेना के लिए उत्तर कोरिया ने सदमा देने वाला दावा किया है। उत्तर कोरिया ने परमाणु हमले में सक्षम न्यूक्लियर सबमरीन विकसित करने का दावा करके अमेरिका समेत दक्षिण कोरिया को भी चौंका दिया है। इससे किम जोंग उन के खतरनाक इरादों को समझा जा सकता है।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग की टेंशन और बढ़ने वाली है। ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच एक ऐसा एग्रीमेंट हुआ है, जो दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों को और गहरा करेगा।
टाइटैनिक जहाज के मलबे तक रोमांच का अनुभव कराने गई टाइटन पनडुब्बी के समुद्र में विस्फोट में इसके संचालक यानि सीईओ भी मारे गए। लिहाजा अब यह कंपनी ओशनगेट ने अपने सभी अभियानों को बंद करने का ऐलान कर दिया है।
टाइटैनिक जहाज हादसे को 5 उद्योगपतियों को दिखाने गई टाइटन पनडुब्बी खुद हादसे का शिकार हो गई। इससे मिशन को संचालित करने वाले कंपनी की सीईओ समेत 5 लोग मारे गए हैं। अब इस पनडुब्बी का मलबा समुद्री सतह पर उतरा आया है।
टाइटैनिक जहाज की आपदा को लेकर इसी नाम से 1997 में आई फिल्म से पहचान बनाने वाले कैमरून ने कहा कि समुद्र संबंधी इंजीनियरिंग समुदाय के कई सदस्य इस पनडुब्बी को लेकर चिंतित थे।
जिस पनडुब्बी को पिछले रविवार से लगातार खोजा जा रहा था। यह पनडुब्बी मिलेगी या नहीं, इस पर पूरी दुनिया की नजर थी। आखिरकार इस पनडुब्बी में बैठे सभी 5 यात्रियों की मौत हो गई है। इस सबमरीन का मलबा मिल गया है।
महज चंद घंटों की ऑक्सीजन ही पनडुब्बी में शेष रह गई है। इसलिए पूरी दुनिया सर्च में लगी है। एक एक सेकंड काफी अहम है। 300 मील के इलाके में सबमरीन की खोज की जा रही है। जानिए इस पनडुब्बी की बनावट और इसकी खासियत के बारे में।
आखिर कहां लापता हो गई है पनडुब्बी। टाइटैनिक का मलबा पर्यटकों को दिखाने के लिए ले जा रही टूरिस्ट सबमरीन का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। अब महज चंद घंटों की आक्सीजन ही पनडुब्बी में शेष रह गई है। इसलिए पूरी दुनिया सर्च में लगी है। एक एक सेकंड काफी अहम है।
कनाडा की सेना के अनुसार, उसने एक गश्ती विमान और दो जहाज प्रदान किए, जिनमें से एक गोता लगाने वाली ‘डाइविंग मेडिसिन’ में माहिर है।
जो टाइटैनिक 1912 में डूब गया था, उसका मलबा अटलांटिक महासागर में पड़ा हुआ है। इसे देखने के लिए पर्यटकों को ले जा रही एक सबमरीन लापता हो गई है। इसे ढूंढने के काफी प्रयास किए जा रहे हैं।
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