गुजरात कोर्ट में एक महिला ने अनोखी डिमांड रख दी, जिसे सुनकर जज भी आश्चर्य में पड़ गईं। महिला ने कहा कि वह जल्द से जल्द मां बनना चाहती है और उसके लिए उसे किसी भी मर्द का स्पर्म चाहिए। जानिए कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?
क्या आपको भी यही लगता है कि शिलाजीत का इस्तेमाल सिर्फ ताकत बढ़ाने के लिए किया जा सकता है? अगर हां, तो आपको भी अपनी इस गलतफहमी को दूर कर लेना चाहिए।
चीन अपने देश की घटती जन्मदर से परेशान है। काम के तनाव और पर्यावरण प्रदूषण की वजह से युवाओं का स्पर्म काउंट कम हो गया है। ऐसे में एक स्पर्म बैंक ने अनोखी प्रतियोगिता रखी। इसके तहत जिस शख्स का स्पर्म काउंट सबसे अच्छा होगा उसे 70 हजार रुपए तक इनाम दिया जाएगा। जानिए क्या है यह अनोखी प्रतियोगिता और इसे आयोजित करने के पीछे औ
दिल्ली के एक निजी हॉस्पिटल को स्पर्म की अदला-बदली महंगी पड़ गई। एनसीडीआरसी ने हॉस्पिटल व डॉक्टरों पर 1.5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा दिया। कमीशन ने हॉस्पिटल और संबंधित डॉक्टरों पर रिप्रोडक्शन प्रक्रिया संबंधी गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
क्या आप सोच भी सकते हैं कि एक व्यक्ति 550 बच्चों का पिता हो सकता है, वह भी उसके बच्चे तमाम देशों में हों...शायद नहीं। यह वाकया सुनकर आप चौंक जाएंगे कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है। मगर यह सच है। एक व्यक्ति अब तक 550 बच्चों का जैविक पिता बन चुका है। लिहाजा अब उसके शुक्राणुओं पर कोर्ट ने प्रतिबंध लगा दिया है।
पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या (Male infertility) के कई कारण हो सकते हैं जिसमें से कुछ लाइफस्टाइल से जुड़ी गलतियां हो सकती हैं तो, कुछ बीमारियां। जानते हैं डॉक्टर से।
Russia-Ukraine War: यूक्रेनी सैनिक अपने देश की आन,बान और शान के लिए मौत को गले लगाने से जरा भी नहीं झिझक रहे। 11 महीने से चल रहे भीषण युद्ध में रूस के साथ ही साथ यूक्रेन के भी हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं। इनमें से बहुत से सैनिक ऐसे भी हैं, जिनकी हाल ही में शादी हुई थी।
OMG: ये पूरा मामला अमेरिका के लॉस एंजेलिस से सामने आया है और इस शख्स का नाम काइल गोर्डी है और उसकी उम्र 31 साल है।
गुजरात हाईकोर्ट ने मरीज का स्पर्म एकत्रित किए जाने से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई के बाद अस्पताल को ऐसा करने का निर्देश दिया। यह याचिका मरीज की पत्नी ने अदालत में दायर की थी।
शुक्राणु की कमी बांझपन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पुरुषों में बीमारी का जोखिम भी बढ़ा सकता है। एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, पुरुषों में शुक्राणु की कमी उनके स्वास्थ्य और बांझपन के संकेतक के रूप में देखा जाता है।
निष्कर्षो से पता चला कि शुक्राणु दाताओं के माध्यम से जन्म लेने वाले बच्चों में सामान्य गर्भधारण से जन्मे बच्चों की तुलना में विशेष स्वास्थ्य जरूरतें होती हैं, लेकिन आईवीएफ तकनीक से जन्मे बच्चे सामान्यतया अधिक स्वस्थ जीवन जीते हैं।
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