पृथ्वी में करोड़ों साल पहले क्या हुआ होगा। पृथ्वी कैसे बनी होगी? अक्सर इस तरह के सवाल जहन में आते हैं। अब एक शोध में खुलासा हुआ है कि करोड़ों साल पहले पृथ्वी के पास भी शनि ग्रह की तरह छल्ला रहा होगा।
सौर तूफान के बाद नजारा कैसा हो सकता है यह दुनियाभर के लोगों ने देखा है। तूफान की वजह से आसमान अलग-अलग रंगों को दिखाई दिया जिसके बाद लोग अचंभित नजर आए।
कनाडा के ओंटारियो प्रांत का नियाग्रा क्षेत्र सूर्य ग्रहण देखने के लिए आने वाले पर्यटकों के स्वागत की तैयारियों में जुटा है। इस खास मौके पर यहां 10 लाख से अधिक लोगों के आने की संभावना है। आठ अप्रैल को पूर्ण सूर्यग्रहण लगने जा रहा है।
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नासा ने अनुमान लगाया है कि पिछले कई वर्षों से सौरमंडल में चक्कर लगा रहा बेनू एस्टेरॉयड धरती से टकरा सकता है। इस टक्कर की वजह से धरती पर भयानक तबाही मच सकती है।
If The Sun Disappears: 1 दिन में पूरे 24 घंटे होते हैं। दिन-रात मिलाकर पूरे 24 घंटे गुजरते हैं। जब रात होती है तो अगले दिन सुबह होने की इंतजार रहती है। आपने कभी सोचा है कि अगर सुबह कल हो ही ना।
Mini Moon: हमारे सौर मंडल में कई चंद्रमा हैं, शायद इसके बार में आपको जानकारी नहीं होगी। हालांकि हम पृथ्वी से सिर्फ एक ही दिखाई देती है क्योंकि केवल एक प्राकृतिक उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा करता है।
Death of Sun: प्रकृति में हर वस्तुओं का खत्म होना तय है। जैसे इंसानों की उम्र एक समय आने के बाद खत्म हो जाती है और इंसान इस ग्रह को छोड़कर चला जाता है। वैसे ही अब हमारा सूर्य भी बुढ़ा होने लगा है। हा आपने सही पढ़ा, हमारे सूर्य का भी उम्र होता है और इसका भी उम्र खत्म होते जा रहा है।
NASA Mars: जब अंतरिक्ष से मंगल पर एयरक्राफ्ट उतरता है, तो उसकी गति 19,312 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। जो मंगल के वातावरण के कारण घर्षण की वजह से अत्यधिक गर्मी उत्पन्न करता है।
खगोल विज्ञानिकों ने हब्बल एवं केपलर अंतरिक्ष दूरबीनों की मदद से हमारे सौरमंडल के बाहर पहले चंद्रमा (एक्जोमून) का पता लगाया है जो 8,000 प्रकाश वर्ष दूर एक विशालकाय गैसीय ग्रह की परिक्रमा कर रहा है।
पृथ्वी से नज़दीकी के कारण 7 जुलाई से लेकर 7 सितंबर तक मंगल की चमक औसत से अधिक रहेगी। पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में ये बिना टेलीस्कोप के देखा जा सकेगा लेकिन टेलीस्कोप से देखने पर इसे और अच्छे से देखा जा सकेगा।
यूं तो जनवरी 2018 तक हमारे सौरमंडल के बाहर करीब 3,500 ग्रहों की खोज हो चुकी है और यह संख्या निरंतर बढ़ रही है, लेकिन पहली बार हमने अपनी आकाशगंगा मिल्की वे के बाहर के ग्रहों को भी खोज निकाला है...
अभी तक यह रहस्य बना हुआ था कि हमारे सौर मंडल का जन्म कैसे हुआ। एक नए अध्ययन में पता चला है कि एक विशालकाय लंबे समय से मृत तारे के आसपास हवा के बुलबुले बनने से हमारा सौर मंडल बना।
हमारे सौरमंडल में किसी दूसरे तारामंडल से आये एक ऐसे पहले पिंड का पता चला है जिसकी शुष्क, जैविक परत इसके अंदरूनी बर्फीले आवरण को पिघलने से बचाती है।
हाल ही में नासा को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। नासा के केपलर स्पेस ने पृथ्वी जितना बड़ा एक और सोलर सिस्टम ढूंढ निकाला है।
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