गेहूं की फसल को लेकर एक अच्छी खबर आई है, इससे अगले साल गेहूं का आटा सस्ता होगा। ऐसे में 2023 में रोटी पर महंगाई का बोझ घट सकता है और ब्रेड के दाम भी कम हो सकते हैं।
सरसो का MSP 400 रुपये से बढ़कर 5450 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। वहीं, कुसुम का MSP 209 रुपये से बढ़कर 5650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर में गेहूं की बुवाई शुरू हो गई है, लेकिन पंजाब और हरियाणा जैसे मुख्य उत्पादक राज्यों में अभी तक इसकी शुरुआत नहीं हुई है
रबी की प्रमुख फसल गेहूँ की बुवाई शुरू हो गई है, लेकिन रकबा अब तक 0.001 लाख हेक्टेयर कम है
केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार सरसों के समर्थन मूल्य में 400 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है
रबी सत्र की प्रमुख तिलहन फसल सरसों का उत्पादन इस बार करीब 90 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है। खाद्य तेल उद्योग ने तिलहन क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये किसानों और तेल उद्योग को समर्थन देने की गुहार लगाई है।
देशभर में 325.35 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई है, जो कि पिछले साल से 3.63 फीसदी अधिक है। उत्तर प्रदेश में 92.52 लाख हेक्टेयर, मध्यप्रदेश में 85.37 लाख हेक्टेयर, पंजाब में 35 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 28.86 लाख हेक्टेयर और हरियाणा में 25.15 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई है।
कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में रबी बुवाई खेती के रकबे की साप्ताहिक प्रगति की समीक्षा से पता चलता है कि इन क्षेत्रों में रेपसीड और सरसों, दलहन और अन्य फसलों के खेती के रकबे में वृद्धि हुई है।
20 नवंबर 2020 तक कुल रबी फसलों का रकबा पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान के 241.66 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 265.43 लाख हेक्टेयर रहा है। वहीं गेहूं का रकबा पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले के 96.77 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल के मुकाबले 97.27 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल रहा।
चालू रबी बुवाई सीजन में छह नवंबर तक देशभर में गेहूं की बुवाई 16.94 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी, जोकि पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 74.27 फीसदी अधिक है। चना का रकबा पिछले साल से 43.59 फीसदी बढ़कर 15.10 लाख हेक्टेयर हो गया। वहीं, दलहनी फसलों का रकबा पिछले साल से 11.64 लाख हेक्टेयर बढ़कर 36.43 लाख हेक्टेयर हो गया।
प्रोफेसर त्रिलोचन शास्त्री की ओर से दायर याचिका में केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है ताकि रबी फसलों की कटाई और खरीफ की बुवाई समय पर करने के लिए जिलों व राज्यों के बीच मजदूरों का आवागमन सुनिश्चित हो।
फिलहाल करीब 80 प्रतिशत से अधिक गेहूं, दलहन और तिलहन फसलों की कटाई पूरी
कृषि वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि तमाम रबी फसलों के लिए यह पानी नहीं बल्कि सोना बरस रहा है।
फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के चालू खरीफ सत्र में बोई जाने वाली फसलों का रकबा 1,054.13 लाख हेक्टेयर पर अपरिवर्तित बना रहा।
किसानों द्वारा आंदोलन खत्म करने के कुछ घंटों बाद ही मोदी सरकार ने रबि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि करने की घोषणा की है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को राहुल गांधी पर चुटकी लेते हुए कहा कि उन्हें तो शक है कि कांग्रेस अध्यक्ष को रबी व खरीफ फसल का समय भी पता होगा।
हरियाणा सरकार ने विपणन सत्र में इस वर्ष 1,735 रुपए क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर करीब 80 लाख टन गेहूं खरीद की पूरी तैयारी कर ली है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
चालू रबी सीजन में जहां गेहूं और तिलहनों की बुआई में देश के किसानों ने थोड़ी उदासीनता दिखाई है वहीं दलहन की खेती के प्रति उनकी दिलचस्पी काफी रही है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि सरकार गेहूं पर आयात शुल्क को और बढ़ाने पर भी विचार कर रही है।
चालू रबी सत्र में अभी तक गेहूं खेती का रकबा 110.66 लाख हेक्टेयर हो गया जो पूर्व वर्ष की इसी अवधि के रकबे से 12.41 प्रतिशत कम है।
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