महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में बीते दिनों एक प्रेग्नेंट महिला की हालत गंभीर हो गई थी। उसे ब्लड की जरूरत थी। ऐसे में बाढ़ से गुजरते समय चिकित्सा अधिकारियों ने महिला का प्रसव कराया।
मथुरा में एक महिला को नाराजगी जाहिर करना इस कदम महंगा पड़ गया कि उसे हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ा। महिला प्रेगनेंट है और वह अपने ससुराल वालों से नाराज थी क्योंकि वह लोग उसे मायके नहीं जाने दे रहे थे।
बिहार में सरकारी स्वास्थ्य सेवा की पोल खोलने वाली एक दर्दनाक कहाने सामने आई है। मामला रोहतास जिले का है जहां पेड़ के नीचे ही एक गर्भवती महिला ने नवजात बच्चे को जन्म दिया लेकिन तुरंत इसके बाद नवजात की मौत हो गई।
महिला ने 31 दिसंबर, 2023 को बच्चे को जन्म दिया था और जीपीएससी को एक ईमेल के माध्यम से सूचित किया था कि उसने अभी-अभी एक बच्चे को जन्म दिया है और अनुरोध किया कि इंटरव्यू या तो स्थगित कर दिया जाए या उसे इसके लिए कोई वैकल्पिक समाधान दिया जाए।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 29 हफ्ते की एक प्रेगनेंट महिला को बच्चा गिराने (अबॉर्शन) की इजाजत दे दी है। लेकिन कानून के मुताबिक, 24 हफ्ते से ज्यादा की प्रेगनेंसी को अबॉर्ट नहीं कराया जा सकता। इस केस में अबॉर्शन की इजाजत कैसे मिली? यहां जानिए...
उपनिरीक्षक शशांक मिश्रा झांसी के थाना उल्दन की बंगरा चौकी प्रभारी है जहां पर वह अपने पत्नी के साथ किराए के मकान में रहता है। 2 साल पहले ही झांसी की रहने वाली शालिनी से उसकी शादी हुई थी।
महाराष्ट्र के ठाणे के शाहपुर तालुका में सड़क नहीं होने के चलते एक प्रसूता को डोली में बिठाकर अस्पताल ले जाना पड़ा। हालांकि प्रसूता ने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया। इस गांव सीएम शिंदे ने गोद लिया था।
शादी के चार साल बाद एक साथ 4 बच्चों को जन्म देने वाली मां किरण कंवर की खुशी भी चार गुना बढ़ गई है। किरण कंवर के परिवार के साथ-साथ उसके गांव वजीरपुरा में भी खुशी का माहौल है।
खेत में काम कर रही राजे को अचानक प्रसव का दर्द उठा और वह छटपटाने लगी। अगर सपना भुरसे ने सही समय पर सही फैसला नहीं लिया होता तो मां और बच्ची की जान चली जाती।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि नेचुरल डिलीवरी सिर्फ 12 हफ्ते दूर है, ऐसे में बच्चे के स्वास्थ्य और डेवलपमेंट को भी ध्यान में रखना होगा। पीठ दुष्कर्म पीड़िता की मां की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने अपनी बेटी के गर्भ में पल रहे 28 हफ्ते के भ्रूण को गिराने की अनुमति देने की अपील की थी।
महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। नवजात जीवित और स्वस्थ हैं। वहीं, आईसीयू में एडमिट नवजात की देखभाल कर रहे स्टाफ को छोड़कर सभी कर्मचारी ताला लगाकर मौके से फरार हो गए हैं।
जोशीमठ में अभी 84 गर्भवती रह रही हैं, जिनमें 18 महिलाएं ऐसी हैं, जिनका प्रसव 15 फरवरी तक होना है। सुरक्षित प्रसव के लिए यहां तीन एंबुलेंस और 108 सेवा की एंबुलेंस की चौबीसों घंटे के लिए तैनाती की गई है।
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में पहली तिमाही के दौरान यूरिनरी इंफेक्शन का खतरा ज़्यादा होता है। लेकिन इन कुछ सावधानियों को ध्यान में रखकर इस खतरे से बचा जा सकता है।
महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि एक अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के दौरान वह यह जानकर चौंक गई कि वह एचआईवी पॉजिटिव है। महिला का ये भी आरोप है कि उसका पति एक लड़के को जन्म देने के लिए जोर दे रहा था।
महिला ने अपनी अर्जी में कोर्ट को बताया था कि भ्रूण में दिमागी विकृति पाई गई है, जिस पर जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने सुनवाई करते हुए कहा कि मेडिकल कंडीशन के आधार पर अदालत इस नतीजे पर पहुंची है कि मां की पसंद आखिरी है।
पीड़िता इतिहास की शिक्षक हैं जिन्होंने एक छात्र के माता-पिता को शिक्षक-अभिभावक बैठक (पीटीएम) में उसके खराब शैक्षणिक प्रदर्शन की जानकारी दी थी।
महिला की शादी को 18 साल से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन वह गर्भधारण नहीं कर पा रही है और इस बात को लेकर उसके परिवार वालों ने उस पर ताना मारा।
खेत पर काम कर रहे पति को दोपहर 11 बजे खाना देकर गर्भवती महिला घर वापस लौट रही थी तो गांव के दो लोगों ने उसे जबरन गन्ने के खेत में खींच लिया। दोनों ने चाकू के बल पर उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया।
तमिलनाडु की 30 वर्षीय कस्तूरी और उनके दो नवजात शिशुओं की तुमकुरु शहर के भारती नगर इलाके में उनके आवास पर मृत्यु हो गई। अस्पताल की उदासीनता का विरोध करते हुए स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।
Tamil Nadu News: 24 वर्षीय निवेधा को शुक्रवार की सुबह प्रसव पीड़ा हुई और उन्हें लाने के लिए शिवगंगा सरकारी अस्पताल से एक एम्बुलेंस को बुलाया गया। रास्ते में ड्राइवर मलाइरासन ने नियंत्रण खो दिया और एक पेड़ से जा टकराया।
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