ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि मुसलमानों को सेक्यूलर सिविल कोड या यूनिफॉर्म सिविल कोड मंजूर नहीं है। देश का मुसलमान शरिया कानून से कोई समझौता नहीं करेगा।
सुप्रीम कोर्ट अपने आदेश की अवहेलना करते हुए तीन तलाक देने वालों के खिलाफ सजा भी तय करे, तभी इस पर रोक लगेगी और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
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