अगर कल को आप न रहें तो ऐसे में आपकी पत्नी पर आपके घर की पूरी जिम्मेदारी आ जाएगी। लेकिन घर की जिम्मेदारी संभालने के लिए पैसे होना बहुत जरूरी है। पैसों के बिना आपका कोई काम नहीं होगा। ऐसे में अपने सभी बचत खातों, निवेश आदि में अपनी पत्नी को नॉमिनी बनाना बहुत ज्यादा जरूरी है।
शेयर बाजार में जारी गिरावट की वजह से म्यूचुअल फंड्स पोर्टफोलियो पर भी काफी बुरा असर पड़ा है। पिछले 1 महीने में लगभग सभी कैटेगरी के म्यूचुअल फंड्स में गिरावट देखने को मिली है। हालांकि, पिछले 1 साल की बात करें तो ऐसी कई स्कीम्स हैं जिन्होंने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है।
शेयर बाजार में जारी गिरावट के बीच म्यूचुअल फंड निवेशकों का पोर्टफोलियो लगभग तबाह हो चुका है। हालांकि, बाजार में आज जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही थी लेकिन अंत में आकर बड़ी बढ़त, मामूली बढ़त में बदल गई। पिछले 1 महीने के दौरान कंजम्पशन बेस्ड फंडों में 9.18% का नुकसान दर्ज किया गया।
ये स्कीम उन निवेशकों के लिए काफी शानदार होगी जो लॉन्ग टर्म निवेश के जरिए बेहतर ग्रोथ चाहते हैं। ये स्कीम उन निवेशकों के लिए भी एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है, जो इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं लेकिन बाजार की उच्च अस्थिरता को लेकर चिंतित हैं।
एक कहावत ये भी है कि जब जागो तभी सवेरा। यानी अगर आपने अभी तक एसआईपी शुरू नहीं है और आपकी उम्र 40 के आसपास हो गई है तो आप अभी भी एसआईपी शुरू कर अपने रिटायरमेंट तक करोड़ों रुपये का फंड तैयार कर सकते हैं।
एसआईपी में निवेश करते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि एसआईपी में कभी भी एक जैसा रिटर्न नहीं मिलता है और इसमें हमेशा लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। इसलिए आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी क्षमता के हिसाब से एसआईपी में ज्यादा से ज्यादा समय के लिए ज्यादा से ज्यादा रुपये का निवेश करें।
निफ्टी ऑटो इंडेक्स टीआरआई ने पिछले एक वर्ष में 48.7% की सीएजीआर दी है, जबकि निफ्टी 50 टीआरआई ने 31 अक्टूबर, 2024 तक 28.3% सीएजीआर का रिटर्न दिया है।
छोटी रकम से बड़ा फंड बनना है तो SIP शुरू करें। आप एफडी के मुकाबले ज्यादा रिटर्न भी ले पाएंगे।
म्यूचुअल फंड में SIP के जरिये लाखों लोगों निवेश कर रहे हैं। हालांकि, उनमें बहुत कम को पता होता है कि म्यूचुअल फंड में किए गए निवेश को कब निकलना सही होगा।
चिल्ड्रन फंड में किए गए निवेश से जो रिटर्न मिलता है, उस पर टैक्स छूट का फायदा मिलता है। इसमें इंडेक्सेशन के बेनिफिट्स को ज्यादा से ज्यादा करने के लिए चार्जेस भी कम से कम वसूले जाते हैं।
एसआईपी सीधे तौर पर शेयर बाजार में जुड़ा हुआ है, इसलिए इसमें काफी रिस्क भी है। लेकिन, जबरदस्त रिस्क के बावजूद देश के आम लोग इसमें बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं। आज हम यहां जानेंगे कि 10,000 रुपये की एसआईपी से कैसे 3.5 करोड़ रुपये का कॉर्पस तैयार किया जा सकता है।
जहां तक एसआईपी के जरिये निवेश की बात है तो इस फंड में मासिक 10,000 रुपये का निवेश 22 साल में 2.9 करोड़ रुपये हो गया है। जबकि वास्तविक निवेश केवल 26.4 लाख रुपये रहा है।
क्वांट मैन्यूफैक्चरिंग फंड अगस्त, 2023 में लॉन्च हुआ था। लॉन्च से लेकर अभी तक इस फंड ने कुल 51.30 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। पिछले 6 महीने में इस फंड ने 10.60 प्रतिशत और पिछले 1 महीने में इस फंड ने 5.70 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया है।
एसआईपी से मिलने वाला रिटर्न 4 प्रमुख बातों पर निर्भर करता है। पहला ये कि आपको कितने साल के लिए निवेश करना है, दूसरा ये कि आपने कितने रुपये जमा करने का लक्ष्य तय किया है, तीसरा ये कि आप कितने रुपये का निवेश करेंगे और चौथा ये कि आपको कितने प्रतिशत का रिटर्न मिल रहा है।
उद्योग के प्रबंधन के तहत शुद्ध परिसंपत्तियां (एयूएम) सितंबर के 67 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर अक्टूबर में 67.25 लाख करोड़ रुपये हो गईं।
वित्तीय प्रौद्योगिकी ब्रोकरेज कंपनी एंजेल वन की पहल फिन वन की रिपोर्ट सर्वेक्षण में शामिल 45% लोगों ने इन्हें सावधि जमा (एफडी) या सोने जैसे अधिक पारंपरिक विकल्पों पर तरजीह दी है। मौजूदा समय में 58% युवा भारतीय निवेशक शेयरों में निवेश करते हैं, जबकि 39% म्यूचुअल फंड में निवेश करना पसंद करते हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय, आपको दो महत्वपूर्ण कारकों पर ध्यान देना चाहिए, एक्सपेंस रेश्यो और कमीशन। एक्सपेंस रेश्यो एक म्यूचुअल फंड स्कीम से दूसरी में भिन्न हो सकता है।
एसआईपी विराम के दौरान, अपनी वित्तीय स्थिति का लगातार आकलन करना और अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना महत्वपूर्ण है। यदि आपकी परिस्थितियां पहले ही सुधर जाती हैं, तो आप अपने एसआईपी को पहले ही फिर से शुरू करने का विकल्प चुन सकते हैं।
एचडीएफसी डिफेंस फंड का मौजूदा एनएवी 21.33 रुपये और इसका मौजूदा फंड साइज 3996.82 करोड़ रुपये है। बताते चलें कि ये फंड डिफेंस सेक्टर की अलग-अलग कंपनियों में निवेश करती है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों की रैंकिंग में उत्तर प्रदेश छठे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश से 3,23,200 करोड़ रुपये का निवेश आया। वहीं, बिहार इस लिस्ट में 16वें स्थान पर है।
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