लॉ यूनिवर्सिटी ने पीरियड्स लीव को लेकर बड़ी पहल की है। यूनिवर्सिटी ने अपनी मासिक धर्म अवकाश नीति लागू की है जो इस वर्ष एक जुलाई से प्रभावी हो गई है। छात्राओं के लिए यह छुट्टी अनिवार्य नहीं होगी, यदि वे चाहें तो ही इसके लिए आवेदन कर सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महिलाओं के पीरियड्स के दौरान छुट्टी को लेकर केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि इसके लिए फ्रेम वर्क तैयार करें और बताएं कि आप इस बारे में क्या सोचते हैं? यह कोर्ट का मामला नहीं है।
पीरियड्स का असर हर महिला पर अलग तरीके से हो सकता है। लेकिन अगर आपको पीरियड्स में इस तरह के लक्षण नजर आ रहे हैं तो आपको इन्हें इग्नोर करने की गलती नहीं करनी चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी दिवंगत पूर्व पत्नी के साथ हुई घटना को साझा किया। उन्होंने बताया कि उनकी पूर्व पत्नी जो एक वकील थीं, उनसे कहा गया था-एक ऐसा पति ढूंढो, जो घर के काम करे।
याचिका में सभी राज्यों को यह निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया था कि वे माहवारी से होने वाली पीड़ा के मद्देनजर छात्राओं और कामकाजी महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर उन दिनों अवकाश के प्रावधान वाले नियम बनाएं।
महिलाओं में पीरियड्स के दौरान स्वच्छता और इसे लेकर सामाजिक वर्जनाओं को लेकर जागरूक करते हुए दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) ने ‘अब पता चल जाने दो’ डिजिटल अभियान का शुभारंभ किया है। अरविंद केजरीवाल ने भी कैंपेन की तारीफ करते हुए कहा कि पीरियड्स से जुड़ीं सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ना होगा और माहवारी के दौरान सफाई और स्वच्छता पर बात करनी होगी, लोगों को जागरूक करना होगा।
पीरियड्स के दिनों में खुद को साफ रखने की ज्यादा जरूरत होती है, नहीं तो आपको इंफेक्शन फैल सकता है। ऐसे में अगर बारिश का मौसम हो तो साफ़-सफाई का ख्याल रखना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है।
अगर आपने पीरियड्स के समय अपनी हाइजीन का ध्यान नहीं रखा तो आपको इंफेक्शन के साथ-साथ बुखार, अनियमित पीरियड्स, ज्यादा खून आने की समस्या के साथ-साथ गर्भधारण करने में दिक्कत हो सकती हैं।
अगर आप भी अधिकतर अनियमित पीरियड्स की समस्या से परेशान रहते हैं तो स्वामी रामदेव से जानिए कुछ कारगर योगासन जो आपको इस समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं।
ज्यादातर महिलाओं को शिकायत होती है कि उनके पीरियड्स समय पर नहीं आते हैं। इसके पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि पीरियड्स में देरी से आने के क्या कारण हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
महिलाओं में हार्मोनल इंबेलस की समस्या है। अब 16 से 20 साल की लड़कियां भी इस परेशानी से जूझ रही हैं।
पीरियड्स में गड़बड़ी या पीरियड्स अनियमित होना एक ऐसी समस्या है जिसका सामना अधिकतर महिलाओं को करना पड़ता है। जानिए इस समस्या से छुटकारा दिलाने में कौन से घरेलू उपाय है कारगर।
पीएमएस यानी प्रीमेंस्ट्रुअल स्ट्रेस में किसी भी महिला को पीरियड्स शुरु होने से करीब 4 से 5 दिन पहले का समय होता है। इस रोग से ग्रसित होने पर महिला के व्यवहार में काफी बदलाव आता है।
पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द होने के साथ-साथ क्रैम्प्स की समस्या हो रही है। ऐसे में अपनाएं ये 5 घरेलू उपाय।
सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर से जानें कैसे पाएं पीरियड्स के दौरान हो रहे दर्द से निजात।
प्रेग्नेंसी के बाद एक महिला के अंदर कई तरह के हार्मोनल परिवर्तन होते है। प्रेग्नेंसी के बाद ब्रेस्टफीडिंग पर निर्भर होता है कि आखिर कब पीरियड्स होंगे।
बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने अपनी फिल्म 'पैड मैन' की टीम संग एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में फिल्म से जुड़ी महिलाएं अपने हाथों में सैनिटरी नैपकिन्स लेकर खड़ी हैं।
World Menstrual Hygiene Day: 28 मई को पूरी दुनिया में विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। जानें कैसे रखें उन दिनों में साफ-सफाई का ख्याल।
आपको बता दें कि 10 में से 7 महिलाओं को स्किन संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हम आपके लिए लेकर आएं है कुछ सिपंल टिप्स जिन्हें अपनाकर आप आसानी से इस समस्या से निजात पा सकते है।
रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं पर किये गये एक अध्ययन में दावा किया गया है कि आशावाद जैसे व्यक्तित्व के सकरात्मक लक्षणों को रखने वाली महिलाओं में टाइप 2 मधुमेह के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।
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