पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को हुआ था। वह 2004 से 2014 के बीच देश के प्रधानमंत्री रहे। बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता देव आनंद का जन्म भी 26 सितंबर के दिन ही हुआ था।
जब वायरल वीडियो की पड़ताल की गई तो इसे लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक साबित हुआ। यह वीडियो 2017 का है और तब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री नहीं थे। यह वीडियो श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की भारत यात्रा के दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी से उनकी मुलाकात के दौरान का है।
एक चुनावी रैली में पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने (मनमोहन) कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है।
ये सही है कि मोदी ने अपनी चुनावी सभा में खुलकर मुसलमानों का जिक्र किया पर वास्तव में मुसलमान शब्द का इस्तेमाल मोदी ने सिर्फ राजस्थान की रैली में किया था। इसके बाद मोदी बार-बार ये कह रहे हैं कि कांग्रेस पिछड़ों का आरक्षण छीन कर अपने चहेतों को देना चाहती है।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक वीडियो संदेश में आरोप लगाया है कि SC, ST और OBC के अधिकारों को छीनना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले भी SC, ST और OBC के अधिकारों को छीन चुकी है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के राज्यसभा से सेवानिवृत्त होने पर लिखे पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक पत्र में लिखा है कि इसके साथ ही एक युग का अंत हो गया है।
मनमोहन सिंह जब 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री थे तब उच्च सदन के नेता थे और 21 मार्च, 1998 से 21 मई 2004 तक सदन में नेता प्रतिपक्ष थे। भाजपा उन पर ऐसी सरकार चलाने का आरोप लगाती थी जो भ्रष्टाचार से घिरी हुई थी और जिस दौरान कई घोटाले हुए थे।
अगले कुछ दिनों में राज्यसभा से 58 सांसद रिटायर हो रहे हैं। इन सांसदों की विदाई भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मनमोहन सिंह से सभी सांसदों को काफी कुछ सीखने को मिला है।
दरअसल, सदैव अपने कार्य को लेकर संजीदा रहने वाले मनमोहन सिंह, बिना बताए राज्यसभा से गैर हाजिर नहीं रहना चाहते थे। मनमोहन सिंह द्वारा आधिकारिक तौर पर यह छुट्टियां मेडिकल ग्राउंड पर मांगी गई।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा का कहना है कि 26/11 मुंबई हमले के दौरान अगर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होते तो उसी समय हिसाब बराबर कर लिया जाता।
मनमोहन सिंह 2004 से लेकर 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उन्हें एक महान अर्थशास्त्री माना जाता है, जिन्होंने देश के आर्थिक सुधारों के लिए काफी काम किया। वह अर्थशास्त्र के टीचर भी रहे हैं और पीएम बनने से पहले वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।
कांग्रेस ने इस बिल को पारित करने से रोकने के लिए खराब सेहत के बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी राज्यसभा में वोटिंग के लिए बुलाया था। मनमोहन सिंह की उम्र 90 साल की है। इसके बावजूद वे पूरी बहस और वोटिंग के दौरान व्हीलचेयर पर बैठे नजर आए।
दिल्ली की एक अदालत ने 2005 में स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस को फर्जी कॉल करने और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बम से उड़ाने की धमकी देने के आरोपी एक व्यक्ति को बरी कर दिया है।
कांग्रेस ने इस सत्र में सीटों का पुनर्आवंटन किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और दिग्विजय सिंह अब पार्टी द्वारा उन्हें फिर से आवंटित किए जाने के बाद पहली पंक्ति की सीटों पर बैठेंगे।
बजट का जिक्र आते ही वित्त मंत्रियों के लम्बे-चौड़े और उबाऊ बजट भाषण दिमाग में तैरने लगते हैं, लेकिन कई बार वित्त मंत्री बजट भाषण पढ़ते-पढ़ते शायर बनकर शायरियां भी पढ़ने लगते हैं। ये शायरियां बजट भाषण से ज्यादा चर्चा में रहती हैं।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ''2005 में जब हम विपक्ष में थे और बॉर्डर के विषय को उठाया था तब प्रणब दादा और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुझे बुलाकर कहा था कि भारत-चीन सीमा के मुद्द संवेदनशील होते हैं। उसे उजागर न करके आंतरिक रूप से निपटना चाहिए।''
अखबार में दावा किया गया था कि 33वीं आर्मर्ड डिविजिन की एक टुकड़ी जो हिसार में तैनात थी, दिल्ली की तरफ बढ़ी थी। मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री की एक पूरी यूनिट मोबलाइज की गई जो अपने साथ 40 से ज्यादा टैंक ट्रांसपोर्टर्स लेकर चली थी।
India defeated terrorism: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने आठ वर्षों के दौरान आतंकवादियों के हौसलों को पस्त कर दिया है। मोदी के मजबूत नेतृत्व और सुरक्षा एंजेंसियों की सतर्कता से आंतरिक आतंकवाद की कमर टूट गई है। इस बात का खुलासा आरटीआइ से सामने आए सरकारी आंकड़ों से हुआ है।
प्रशासन के मुताबिक मनमोहन सिंह ने नवीन परती व ऊसर के 2430 वर्ग मीटर सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जा किया था, जिसकी कीमत 55 लाख रुपए से अधिक है। शराब माफिया के खिलाफ कई आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं।
देश की राजधानी नयी दिल्ली में स्थित 'द नेहरू मेमोरियल म्यूजियम' 14 अप्रैल से 'प्रधानमंत्री संग्रहालय' के नाम से जाना जाएगा। इसे भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विकसित किया गया है।
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