भारतीय वायुसेना का बड़ा फैसला, सभी सामान भारत में बनाने की तैयारी, जानें कब तक पूरा होगा काम
मेक इन इंडिया भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य भारत में उत्पादों के विकास, निर्माण और असेम्बलिंग के लिए कंपनियों को प्रोत्साहित करना और विनिर्माण में समर्पित निवेश को प्रोत्साहित करना है।
नीदरलैंड्स की एनएक्सपी सेमीकंडक्टर्स अगले कुछ सालों में भारत में अपनी आरएंडडी गतिविधियों को दोगुना करने के लिए एक अरब डॉलर (8400 करोड़ रुपये) से ज्यादा का निवेश करने की योजना बना रही है।
भारत और अमेरिकी की रणनीतिक साझेदारी अब व्यापक वैश्विक ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप में बदलने जा रही है। इसके तहत दोनों देश मिलकर मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन करेंगे। भारत में बने हथियार अब पूरी दुनिया पर राज करेंगे। अमेरिका भारत का साथ पाकर चीन को काउंटर करने में भी सक्षम होगा।
केन्द्र सरकार के मेक इन इंडिया पॉलिसी का जलवा कायम है। रिपोर्ट की मानें तो पिछले साल भारत में बने टेलीकॉम इक्विपमेंट 100 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट किए गए हैं, जिनकी कीमत 1.52 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है।
Apple के बाद अब Google भी भारत में बने Pixel स्मार्टफोन को अमेरिकी और यूरोप में एक्सपोर्ट कर सकती है। सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल के लिए भारत में दो कंपनियां Pixel स्मार्टफोन असेंबल करेगी। जल्द ही, इसकी आधिकारिक घोषणा भी हो सकती है।
Making AI in India: मोदी सरकार ने देसी AI इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए IndiaAI मिशन की शुरुआत की है। इस मिशन के तहत भारत में AI के डेवलपमेंट और बेहतरी के लिए काम किया जाएगा। सरकार ने इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के फंड को मंजूरी दी है।
मोदी सरकार के मेक इन इंडिया पहल का भारतीय मोबाइल इंडस्ट्री में बड़ा असर पड़ा है। मोदी सरकार के 2014 में सस्ता संभालने के बाद से भारत के मोबाइल प्रोडक्शन में कई गुना की वृद्धि दर्ज हुई हुई है। भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन प्रोड्यूस करने वाला देश बन गया है।
सरकार अब भारत को 'सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग एंड एक्सपोर्ट हब' बनाने के लिए अपनी अलग-अलग योजनाओं पर जोर दे रही है।
ताइवान के आसपास चीनी सेना की बढ़ती मौजूदगी के कारण प्रमुख ताइवानी कंपनियां अपने उत्पादन केंद्रों को चीन से यूरोप, अमेरिका और भारत जैसे देशों में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं।
India on The Way to Global Manufacturer: वैश्विक निर्माताओं ने भारत में तेज औद्योगिक विकास की बड़ी भविष्यवाणी करके चीन समेत दुनिया के तमाम देशों को हैरानी में डाल दिया है। साउथ चाइन मॉर्निंग पोस्ट में सप्लाई चेन एनालिस्टों की प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक निर्माता भारत को बदलाव के ऐसे कगार पर खड़ा देख रहे हैं।
France Keen to Participate in India's Defense Industries: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना ने रक्षा के क्षेत्र में भी भारत को गजब की स्पीड दे दी है। अब भारत डिफेंस कोरिडोर पर भी सैन्य साजो-सामान और युद्धक उपकरणों के निर्माण की ओर तेजी से कदम बढ़ा चुका है।
भारतीयों की विकसित बौद्धिक संपदा को अपने उत्पादों में आत्मसात करने वाले वी मैन्युफैक्चरर्स के लिए भी सरकार अलग से प्रोत्साहन देगी।
kawasaki W175: कावासाकी कंपनी ने हाल ही में एक बाइक को लॉन्च किया है। कंपनी का दावा है कि यह बाइक मेड इंडिया के तहत बनाई गई है। इसकी कीमत मात्र 1.49 लाख रुपये है।
Make In india: वार्षिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) लगभग दोगुना होकर 83 बिलियन डॉलर हो गया है।
मेक इन इंडिया कार्यक्रम एक ऐसी पहल है जो भारत को आयात (Import) करने की जगह निर्यात (Export) करने वाला देश बना रही है। ये देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए प्रभावी कदम है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वाशिंगटन डीसी पहुंचने के बाद अमेरिकी एयरोस्पेस और रक्षा प्रमुख बोइंग और रेथियॉन से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कंपिनयों को भारत में नीतिगत पहलों का लाभ उठाने के लिए 'मेक इन इंडिया' से 'मेक फॉर द वर्ल्ड' की ओर तेज़ी से बढ़ने का आह्वान किया।
दिल्ली-मेरठ जाने वाली रैपिड रेल सिर्फ 55 मिनट में आपको मेरठ पहुंचा देगी. यह ट्रेन पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी. यह ट्रेन मेट्रो और रेल का मिक्सचर है. इसका काम 2025 तक पूरा होगा.
मोदी ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान 21वीं सदी के भारत की जरूरत है और यह हमें हमारी क्षमता दिखाने का अवसर देता है।
निर्यात को बढ़ावा देने पर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में वैश्विक ‘चैंपियन’ बनाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि निर्यात सकल घरेलू उत्पाद का 20 प्रतिशत; इसे बढ़ाने की काफी संभावनाएं है।
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