एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि तालिबान के 2 वरिष्ठ अधिकारियों ने विदेशी नागरिकों के प्रस्थान में मदद की और उसके अधिकारी एयरपोर्ट पर गश्त दे रहे हैं।
15 अगस्त तक अफगानिस्तान के अधिकतर क्षेत्रों में तालिबान का कब्जा हो चुका था और अमेरिका के नियंत्रण में सिर्फ काबुल एयरपोर्ट बचा था। लेकिन 30 अगस्त की रात को अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों की वापसी की पूरी होने की घोषणा कर दी... इस घोषणा के साथ ही सामने आई एक तस्वीर, जो हमेशा अमेरिका के जेहन में हार रूपी कांटे के रूप में चुभेगी।
जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा कि हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहले से मौजूद 73 विमानों को अमेरिकी सैनिकों ने वहां से रवाना होने से पहले ही तकनीकी तौर पर बेकार कर दिया
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने काबुल हवाई अड्डे के पास हुए आत्मघाती हमले में मारे गए 13 अमेरिकी सैनिकों के परिजनों से रविवार को मुलाकात भी की। हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिकों के पार्थिव शरीर अफगानिस्तान से डोवर एयरफोर्स बेस लाये गए।
एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, एक अफगान पुलिस प्रमुख ने कहा है कि काबुल हवाई अड्डे के उत्तर-पश्चिम में आज एक रॉकेट हमले में एक बच्चे की मौत हो गई। तालिबान ने कहा कि अमेरिकी एयर स्ट्राइक में सुसाइड बॉम्बर की गाड़ी तबाह हो गई, तालिबान ने कहा कि सुसाइड बॉम्बर का टारगेट काबुल एयरपोर्ट था।
रशियन मीडिया के मुताबिक, काबुल रॉकेट हमले में 2 लोगों की मौत हो गई है जबकि 3 लोग घायल हो गए हैं। धमाके के बाद लोग छतों पर भगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। बम ब्लास्ट के बाद आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।
विदेश विभाग ने रविवार सुबह दी चेतावनी में कहा कि अमेरिकी नागरिकों को इस वक्त हवाईअड्डे तथा उसके सभी द्वारों की ओर जाने से बचना चाहिए।
काबुल हवाईअड्डा से रवाना होने और बीच में योजना के मुताबिक एक जगह रुकने के बाद इसे यहां पहुंचने में करीब 17 घंटे का समय लगा।
विदेश मंत्री जीन येस ली ड्रिआन और रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने घोषणा की कि निकासी अभियान में अफगानिस्तान से करीब तीन हजार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
नांगरहार में एयरस्ट्राइक के बाद अमेरिका ने काबुल में अमेरिकन एंबेसी के जरिए अपने नागरिकों को सुरक्षा अलर्ट जारी किया है। अमेरिका ने अपने नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट के सभी गेट से फौरन हट जाने को कहा है।
न्यूज एजेंसी AFP ने पेंटागन के हवाले से बताया है कि अमेरिका की तरफ से मानव रहित हवाई हमला अफगानिस्तान के नांगहर प्रांत में किया गया। अमेरिका की तरफ से टारगेट को हिट करने की बात कही गई है।
इस्लामिक स्टेट के अफगानिस्तान में संबद्ध, जिन्हें इस्लामिक स्टेट खुरासान या आईएसआईएस-के कहा जाता है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यहां मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि काबुल स्थित चीनी दूतावास ने बताया है कि आत्मघाती हमलों में कोई चीनी हताहत नहीं हुआ। झाओ ने कहा, “चीन काबुल हवाई अड्डे के पास हुए विस्फोटों से स्तब्ध है, जिसमें बड़े पैमाने पर लोग हताहत हुए हैं। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।''
काबुल के निवासियों ने बताया कि शुक्रवार सुबह से कई विमान उड़ान भर चुके हैं। हवाई अड्डे के बाहर पहले जितनी ही भीड़ दिख रही है।
बम धमाकों के बावजूद काबुल एयरपोर्ट के बाहर आज भी भारी भीड़ देखने को मिल रही है, अफगानिस्तान के नागरिकों में तालिबान का डर इतना ज्यादा है कि बम धमाकों के बावजूद वे एयरपोर्ट पर जमा हो गए हैं और अपना देश छोड़ने के हर तरह के प्रयास कर रहे हैं
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