हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की लगातार बढ़ती पैठ का मुकाबला करने के लिए भारत अपनी समुद्री लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ावा दे रहा है। इसके लिए भारत अगले महीने जनवरी में नौसेना के बेड़े में दो स्वदेशी युद्धपोत और एक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को शामिल करने जा रहा है।
आज कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों की पांचवीं पनडुब्बी ‘आईएनएस वागीर’ (INS Vagir ) को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है।
Indian Navy: जर्मनी की टाइप 212CD पनडुब्बी को भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 75I में शामिल करने को लेकर प्लानिग की जा रही है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, यह जर्मन पनडुब्बी परियोजना की दौड़ में सबसे पहले पायदान पर है।
हिंदूस्तान के दुश्मनों की नींद उड़ाने के लिए देश की समुद्र सीमा को अभेद्य और अखंड रखने वाला अबतक की सबसे आधुनिक सबमरीन्स में से एक INS वागशीर भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े में जल्द शामिल होने वाला है।
सटीक लक्ष्य भेदने वाली सबमरीन INS खंडेरी आज नौसेना में शामिल हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सबमरीन INS खंडेरी को नौसेना को सौंपा। इससे नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ गई है। INS खंडेरी को दुश्मन का ‘साइलेंट किलर’ भी माना जाता है।
यह स्कॉर्पिन श्रेणी की उन 6 पनडुब्बियों में से पहली पनडुब्बी है, जिसे भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है। यह मेक इन इंडिया पहल की कामयाबी को दर्शाता है। इस परियोजना को फ्रांस के सहयोग से चलाया जा रहा है।
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