प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के बीच 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को अपनाया था।
देश की आधी आबादी यानी 50 फीसदी लोग सालाना महज 53,610 रुपये ही कमा पाते हैं। जबकि, देश के शीर्ष 10 फीसदी अमीरों की आय देश की कुल आय का 57% है।
असमानता को दूर करने के मामले में दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत का प्रदर्शन काफी खराब है।
वर्ल्ड इनइक्वेलिटी लैब की नई रिसर्च में कहा गया है कि भारतीय आर्थिक असमानता 1980 के बाद से बहुत तेजी से बढ़ी है। इस रिसर्च रिपोर्ट ने भारत सरकार की विभिन्न आर्थिक विकास नीतियों पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
भारत सरकार ने 1991 में नई आर्थिक नीति लागू की थी, जिसने देश को इकोनॉमिक लिब्रेलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन और दुनिया के लिए खोल दिया।
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