भारत ने साल की शुरुआत में पाकिस्तान को एक नोटिस जारी किया था। भारत ने इस नोटिस के माध्यम से सिंधु जल संधि में संशोधन की बात कही थी। 62 साल के इतिहास में यह पहली बार था, जब भारत ने सिंधु जल समझौते में संशोधन की मांग की थी।
सोमवार शाम को सिंधु जल आयोग पर बातचीत के लिए पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल भारत पहुंचा है।
जम्मू एवं कश्मीर पर भारत द्वारा लिए गए हालिया फैसलों पर बुरी तरह तिलमिलाए पाकिस्तान को अब नया डर सताने लगा है।
सिंधु जल समझौते के तहत ब्यास, रावी और सतलुज नदियों के पानी का नियंत्रण भारत और सिंधु, चेनाब और झलम नदियों के पानी का कंट्रोल पाकिस्तान को सौंप दिया गया।
नितिन गडकरी ने कहा कि उस पानी का बहाव बदलकर जम्मू-कश्मीर और पंजाब की ओर मोड़ा जाएगा।
नितिन गडकरी ने कहा कि जिन 3 नदियों का पानी पाकिस्तान को जा रहा है उसको यमुना में लाने की तैयारी हो रही है, उन्होंने कहा कि इसके बाद यमुना में पानी ही पानी होगा
सिंधु जल संधि पर यहां अहम उच्चस्तरीय द्विपक्षीय बातचीत पूरी होने के बीच एक पाकिस्तानी अधिकारी ने आज कहा कि भारत ने चेनाब नदी पर अपनी दो पनबिजली परियोजनाओं पर पाकिस्तान की आपत्तियों को खारिज कर दिया है।
प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यभार संभालने के बाद पहली द्विपक्षीय वार्ता के तहत भारत और पाकिस्तान बुधवार को लाहौर में सिंधु जल संधि के विभिन्न आयामों पर फिर से अपनी बातचीत शुरू करेंगे।
दोनों देशों के बीच जल विवाद को लेकर हुई सचिव स्तर की बातचीत बिना किसी सहमति के खत्म हुई थी...
हालांकि विश्व बैंक ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण तरीके से हल निकालने के लिए पूरी निष्पक्षता से काम करना जारी रखेगा...
वाशिंगटन में हाल ही में जल विवाद पर भारत और पाकिस्तान के बीच हुई वार्ता से जल विवाद के सुलझने की उम्मीद जागी हैं। राजनयिक सूत्रों के अनुसार वार्ता में दोनों पक्षों का रवैया सकारात्मक था।
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