फर्जी दस्तावेजों से आईएएस बनने वाली पूजा खेडकर का किस्सा तो अभी आप के जेहन में ताजा होगा। एक ऐसा ही और मामला सामने आया है, जिसमें एक भारतीय छात्र ने उसी नक्शेकदम पर चलते हुए अमेरिका के विश्वविद्यालय में नौकरी हासिल कर ली। मगर अपनी एक गलती की वजह से पकड़ा गया।
अब तक, 778 भारतीय छात्र विभिन्न भूमि बंदरगाहों के माध्यम से भारत लौट आए हैं। इसके अलावा, लगभग 200 छात्र ढाका और चटगांव हवाई अड्डों के माध्यम से नियमित उड़ान सेवाओं द्वारा घर लौट आए हैं।
अमेरिका में इंटर्नशिप करने के इच्छुक छात्रों के लिए एक खुशखबरी है। अब भारतीय छात्र यूएस की कंपनियों में इंटर्नशिप कर सकेंगे। इस संबंध में एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया गया है।
रूस में दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां एक नदी में डूबने से चार भारतीय छात्रों की मौत हो गई है। मृतकों में 2 लड़कियां भी शामिल हैं।
किर्गिस्तान में पाकिस्तानी छात्रों के साथ ही भारतीय छात्रों पर भी हमले हो रहे हैं। किर्गिस्तान में रहनेवाले छात्रों के अभिभावकों ने अब भारत सरकार से मदद की गुहार की है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि किसी भी घटना से कोई जुड़ाव नहीं मिला है। भारतीय छात्रों को निशाना बनाए जाने का कोई सबूत नहीं है।’’ गार्सेटी ने कहा, ‘‘अमेरिका एक सुरक्षित देश है। छात्रों को सुरक्षित महसूस करने में मदद करने के लिए बहुत सारे संसाधन हैं। लेकिन अगर वे संपर्क नहीं करते हैं, तो हमें पता नहीं चल पाता।
अमेरिका में लगातार हो रही भारतीय छात्रों की मौत मामले में नया खुलासा हुआ है। इसके बारे में जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। आपको इस पर भरोसा करना मुश्किल होगा। मगर रिपोर्ट में भारतीय छात्रों की मौत के कारक के रूप में इसी दावे को सच बताया गया है। जिसमें ऑनलाइन गेम ब्लू ह्वेल डेथ चैलेंज गेम का जिक्र है।
स्कॉटलैंड के डुंडी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले दो भारतीय छात्रों की मौत हो गई है। छात्रों की मौत पानी में डूबने की वजह से हुई है। पोस्टमार्टम के बाद दोनों छात्रों के शवों को भारत भेजा जाएगा।
अमेरिका में भारतीय छात्रों की सुरक्षा सवालों के घेरे में है। भारतीय छात्रों की मौत के मामले अमेरिका में लगातार सामने आ रहे हैं। इस बीच भारतीय-अमेरिकी शिक्षाविद ने बड़ी बात कही है।
कनाडा भारतीय छात्रों के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है। हरियाणा के एक 24 वर्षीय छात्र की कनाडा के दक्षिण वैंकूवर में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। उसकी कार के अंदर चिराग नामक छात्र का शव पाए जाने से सनसनी फैल गई है।
अमेरिका में लगातार हो रही भारतीय छात्रों की मौत ने अभिभावकों के मन में डर का माहौल पैदा कर दिया है। अमेरिका ओहियो में एक और भारतीय छात्र उमा सत्य साईं की मौत हो जाने का मामला सामने आया है। भारतीय दूतावास मृतक छात्र के परिवारजनों से संपर्क साधने में जुटा है।
ब्रिटेन में भारतीय छात्रों के ने फेयर वीजा, फेयर चांस शुरू किया है, क्योंकि वीजा नियमों में सहूलियत घटने की आशंका है। यूके के गृह कार्यालय के अनुसार, 213,250 छात्रों को ‘ग्रैजुएट रूट’ के जरिये वीजा दिया गया है और इसमें भारतीय छात्रों की संख्या काफी अधिक है।
विदेश पढ़ने गए एक छात्र ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की और जिसमें उसने बताया कि वहां उसे बर्तन खुद धोने पड़ते हैं। जिस पर लोगों ने उसे ट्रोल करना शुरू कर दिया।
अमेरिका में हाल के समय में भारतीय छात्रों की मौत की घटनाएं बढ़ गई हैं। ताजा मामला इंडियाना से आ रहा है। यहां की पर्ड्यू यूनिवर्सिटी का छात्र मृत पाया गया है। इससे पहले शिकागो भारतीय छात्र पर जानलेवा हमला किया गया।
हैदराबाद के रहने वाले भारतीय स्टूडेंट पर अमेरिका के शिकागो में जानलेवा हमला किया गया है। हमलावरों ने सड़क पर दौड़ा दौड़ाकर हमला किया।
विदेश में अपने बच्चों को पढ़ाना हर किसी का सपना होता है, लेकिन पिछले 5 वर्ष में अलग-अलग देशों में 400 से ज्यादा भारतीय छात्रों की मौत ने अभिभावकों के मन में डर पैदा कर दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि अलग-अलग वजहों से विदेश में 5 वर्षों में 403 भारतीय छात्रों की जान जा चुकी है।
अमेरिका में भारतीय छात्र की बेरहमी से हत्या मामले की भारतीय दूतावास ने कड़ी निंदा की है। हाल ही में एक भारतीय छात्र की अमेरिका में एक नशेड़ी ने हत्या कर दी। नशेड़ी ने करीब 50 बार हथौड़े से हमला करके हत्या की घटना को अंजाम दिया था।
मैक्रों ने कहा, "यह एक बहुत ही महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, लेकिन मैं इसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।" भारतीय छात्रों के लिए फ्रांस में पढ़ाई को आसान बनाने के लिए फ्रांसीसी सरकार पहले ही कदम उठा चुकी है। 2018 में, इसने "कैंपस फ्रांस" नामक एक कार्यक्रम शुरू किया जो फ्रांस में अध्ययन के इच्छुक भारतीय छात्रों के लिए है।
सरकार का कहना है "हम कनाडा के लिए सही संतुलन बना रहे हैं और छात्रों को उनकी आशा के अनुरूप सफलता प्रदान करते हुए हमारी आव्रजन प्रणाली की अखंडता सुनिश्चित कर रहे हैं। कनाडा अपनी कम ट्यूशन फीस, उच्च रैंकिंग वाले विश्वविद्यालयों और अध्ययन के बाद के काम के विकल्पों के कारण विदेश में सबसे लोकप्रिय अध्ययन स्थलों में से एक है।
भारत से रार ठानना कनाडा को बहुत भारी पड़ने लगा है। इस वर्ष कनाडा में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 86 फीसदी तक की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इससे कनाडा को बड़ा आर्थिक नुकसान होने का अंदेशा है। अब ये छात्र विकल्प के रूप में अमेरिका को चुन रहे हैं।
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