ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच बड़ा समझौता हुआ है। ब्रिटेन चागोस द्वीप समूह को मॉरीशस को लौटाने को तैयार हो गया है। आइए जानते हैं कि इस पूरे विवाद की कहानी।
जयशंकर ने कहा कि हिंद महासागर बदलाव और अशांति के बड़े तूफान से गुजरने वाला है। ‘‘भारत की प्राथमिक चिंताएं और चुनौतियां भी उस परिवर्तन को प्रतिबिंबित करती हैं। हम प्रतिस्पर्धा के नए रूपों पर विचार कर रहे हैं जो उच्च स्तर पर पहुंच और अंतर-निर्भरता का लाभ उठाते हैं।’
अमेरिकी सांसद यंग किम ने चीन को लेकर बड़ा दावा किया है। किम ने कहा है कि चीन हिंद महासागर के प्रमुख क्षेत्रों में अपनी पैठ बना रहा है जिससे अमेरिका के समक्ष कई चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं।
हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा को लेकर भारत और अमेरिका साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि दोनों देश कई आयामों पर गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं।
भारतीय नौसेना ने बड़ी कार्रवाई करते हुए समुद्री लुटेरों को करारा जवाब दिया है। नौसेना ने अदन की खाड़ी के पास कार्रवाई के पास से ईरानी पोत और 23 पाकिस्तानी नागरिकों के चालक दल को छुड़ा लिया है।
लाल सागर से लेकर अदन की खाड़ी तक यमन के हूतिये आतंक का पर्याय बने हुए हैं। वह इस जलमार्ग से जाने वाली सभी वाणिज्यिक जहाजों पर हमले कर रहे हैं। इस बीच एसोसिएटेड प्रेस की एक सैटेलाइट फूटेज ने सबकी नींद उड़ा दी है, जिसमें देखा गया है कि अदन की खाड़ी के पास एक हवाई पट्टी बनाई जा रही है।
जियांग यांग होंग 03 का मालदीव आगमन राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू की जनवरी की चीन यात्रा के बाद हुआ है, जिसमें बीजिंग ने संबंधों को बढ़ाने के लिए मालदीव को "मुफ्त सहायता" में 920 मिलियन युआन ($128 मिलियन) की पेशकश की है। मालदीव ने कहा है कि जहाज उसके जल क्षेत्र में शोध नहीं करेगा, केवल कर्मियों के रोटेशन और आपूर्ति देखेगा।
भारत को हिंद महासागर में बड़ी कूटनीतिक कामयाबी मिली है। भारत को ओमान में एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह तक सीधी पहुंच मिली है।
भारत द्वारा समुद्री सुरक्षा का मुद्दा उठाए जाने के बाद अमेरिका की नागरिक सुरक्षा, लोकतंत्र और मानवाधिकार मामलों की विदेश उप मंत्री उजरा जेया ने इजराइली नेताओं से अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप नागरिक क्षति को कम करने के लिए संभावित सावधानी बरतने का आह्वान किया।
भारत के साथ दोस्ती दिखाते हुए ब्रिटेन हिंद महासागर में अपने युद्धपोत भेजकर तैनात करेगा। इससे चीन की टेंशन बढ़ने वाली है। ब्रिटेन ने यह खुलासा भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की ब्रिटेन यात्रा के दौरान किया है।
भारत और अमेरिका की दोस्ती अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर में समुद्री सुरक्षा को लेकर नई रणनीति पर आगे बढ़ रही है। अमेरिका ने इन क्षेत्रों में चीन की दादागिरी खत्म करने के लिए भारतीय सेना का आधुनिकीकरण शुरू कर दिया है। अमेरिका ने कहा है कि चीन के आक्रामक रवैये को कम करने के लिए भारतीय सेना को मजबूत कर रहे।
हिंद महासागर में अज्ञात हमलावरों ने एक व्यापारिक जहाज पर बड़ा ड्रोन हमला किया है। यह व्यापारिक जहाज सऊदी अरब के एक बंदरगाह से भारत के मेंगलुरु की ओर कच्चा तेल लेकर जा रहा था। हमले के बाद जहाज में तेज विस्फोट हुआ और उसमें आग लग गई। चालक दलों में 20 भारतीय थे, जो सुरक्षित हैं।
चीनी सेना का शक्तिशाली जासूसी जहाज यूआन वांग 6 एक बार फिर से हिंद महासागर में प्रवेश कर रहा है। चीन के इस जहाज के अचानक से हिंद महासागर में आने से उसकी मंशा को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
हिंद महासागर के मध्य हिस्से में मंगलवार को डूबी मछली पकड़ने वाली चीनी नौका पर चीन के 17, इंडोनेशिया के 17 और फिलीपीन के पांच लोग सवार थे।
CCTV ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य देशों से खोज एवं बचाव दल घटनास्थल पर पहुंचे हैं और चीन ने ऑपरेशन में मदद के लिए दो जहाजों की तैनाती की है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विभिन्न देशों के साथ भारत की बढ़ती रणनीतिक साझेदारी से चीन चिंता में पड़ गया है। अब तक हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत का सहयोग लेने और देने वाले देशों में अमेरिका से लेकर, आस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, फिलीपींस जैसे महत्वपूर्ण देश सामिल हैं।
आस्ट्रेलिया भारत को शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में देखता है। उसे यह भी लगता है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती दादागीरी को रोकने के लिए भारत का साथ जरूरी है। इसलिए वह भारत के साथ रणनीतिक सहयोग को बढ़ाना चाहता है।
चीन के दक्षिण हिंद महासागर में जिन 19 जगहों के नाम बदलने की बात सामने आई है, वे भारतीय प्रायद्वीप से करीब 2000 किलोमीटर दूर हैं। चीनी मीडिया ने इसे बीजिंग का ‘सॉफ्ट पॉव्र‘ प्रोजेक्शन कहा है।
1980 के दशक से भारत गहरे समुद्र में खनन के क्षेत्र में शुरुआती अग्रणी निवेशकों में से एक था। हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में भारी प्रगति हुई है।
ऑकस (AUKUS) ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच एक त्रिपक्षीय सुरक्षा समझौता है। अगर भारत और जापान इस समझौते में शामिल होते हैं तो सदस्य देशों की संख्या पांच हो जाएगी।
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