बांग्लादेश में हिंसक आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री पद छोड़ने को मजबूर हुई शेख हसीना की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हसीना और उनकी पार्टी के कई अन्य नेताओं पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में सामूहिक नरसंहार का केस दर्ज कराया गया है।
फ्रांस में ओलंपिक खेलों के उद्घाटन से पहले हाईस्पीड रेल नेटवर्क पर हुए हमले से दुनिया भर के खिलाड़ी सहम गए है। काफी खिलाड़ियों के अपने देश लौट जाने की सूचना सामने आई है। फ्रांस के पीएम और परिवहन मंत्री ने इसे सुनियोजित हमला करार दिया है।
गाजा के रफाह में इजरायली हमले को लेकर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को बड़ा आदेश दिया है। अदालत ने रफाह में फिलिस्तीनियों के जीवन को संकट में डालने वाले सैन्य अभियान को तुरंत रोकने के लिए इजरायल को निर्देशित किया है।
गाजा में इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। इस बीच गाजा में नरसंहार के आरोप का जवाब इजराइल ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में दिया है।
गाजा में इजराइल की ओर से हमास के खिलाफ लगातार सैन्य कार्रवाई जारी है। मामला अब अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पहुंच गया है। दक्षिण अफ्रीका ने न्यायालय में याचिका दाखिल की है, जिसपर इजराइल जवाब देगा।
गाजा में इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इजराइल के खिलाफ सुनवाई शुरू हो गई है। दक्षिण अफ्रीका ने न्यायालय नें नई याचिका दाखिल की है।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने गाजा युद्ध मामले में दक्षिण अफ्रीका की ओर से इजरायल पर लगाए गए आरोपों को सही पाया है। दक्षिण अफ्रीका ने गाजा में फिलिस्तीनियों की मौतों को नरसंहार बताया था। आइसीजे ने भी माना है कि इजरायली फौज ने गाजा में नरसंहार किया है। दक्षिण अफ्रीका ने इस फैसले के बाद कहा कि हम आइसीजे में सही साबित हुए।
गाजा में हमास आतंकियों पर लगातार इजरायली सेना बम बरसा रही है। मगर इस बमबारी में काफी संख्या में फिलिस्तीनी बच्चे, महिलाएं और आम लोगों की मौत हो रही है। इजरायली बमबारी में अब तक 22 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। नरसंहार रोकने की मांग को लेकर दक्षिण अफ्रीका अंतरराष्ट्रीय अदालत की शरण में पहुंच गया है।
इजरायल ने हमास के साथ लड़ाई के दौरान गाजा में आम लोगों की मौत पर अपना पक्ष रखते हुए संयुक्त राष्ट्र के कोर्ट में कहा कि वह नहीं बल्कि हमास नरसंहार का दोषी है।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एक नई मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं। इजरायल-हमास युद्ध मामले में पहली बार अंतरराष्ट्रीय अदालत में इजरायल के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। दक्षिण अफ्रीका ने गाजा में इजरायली हमले को नरसंहार करार देते हुए संयुक्त राष्ट्र की अदालत में यह केस दायर किया है।
7 अक्टूबर को हमास के आतंकी हमलों की अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय से जांच कराने से इजरायल खुद इन्कार कर रहा है। जबकि इजरायली पीड़ित चाहते हैं कि इस मामले की अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जांच कराई जाए। दावा किया जा रहा है कि पीड़ितों ने इस बाबत आइसीसी में हमास के खिलाफ मुकदमा भी दायर कर दिया है।
इजरायल और फिलिस्तीन में से मानवों के खिलाफ युद्ध अपराध का दोषी कौन। किस पर अंतरराष्ट्रीय अदालत में चलेगा युद्ध अपराध का मुकदमा। फिलिस्तीन के विदेश मंत्री ने गाजा में पूर्ण संघर्ष विराम की मांग क्यों की। आइए आपको पूरा मामला समझाएं।
Rohingya Case in ICJ: अफ्रीकी देश गाम्बिया ने विश्व अदालत में मामला दायर कर आरोप लगाया कि म्यांमार नरसंहार संधि का उल्लंघन कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष अमेरिकी जज जोन ई. डोनोग्यू ने कहा है कि रूस 24 फरवरी को शुरू किए गए विशेष सैन्य अभियानों को तुरंत रोके।
हेग स्थित ICJ ने जुलाई 2019 को एक फैसले में पाकिस्तान से कहा था कि वह जाधव तक भारत को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराए।
जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी एवं आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच न देने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का रुख किया था।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि कुलभूषण जाधव को एक और कांसुलर एक्सेस के लिए इस्लामाबाद की पेशकश को लेकर भारत इसलिए अनिच्छुक है, क्योंकि वह इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में ले जाना चाहता है।
भारत ने उम्मीद जताई थी कि वह भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव को ‘‘अनौपचारिक बातचीत’’ के माध्यम से रिहा करने के लिए पाकिस्तान को मना लेगा, जिन्हें 2017 में ‘‘जासूसी और आतंकवाद’’ के आरोपों में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।
लंदन की इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से अपील की है कि चीन पर ‘‘मानवता के खिलाफ गंभीर अपराध करने के लिए कड़ा जुर्माना’’ लगाया जाए।
कुलभूषण जाधव के मामले को पाकिस्तान की सिविल अदालत पेश किए जाने के लिए पाकिस्तान के Army Act में संसोधन की जो खबरें आ रही थीं उन खबरों को पाकिस्तान की सेना ने झूठ बताया है
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