हेल्थ एक्सपर्ट्स अक्सर चीनी की जगह शहद का सेवन करने की सलाह देते हैं। आइए जानते हैं कि शहद खाने से आपकी सेहत पर कितने सारे पॉजिटिव असर पड़ सकते हैं।
कॉन्फेडरेशन ऑफ एपीकल्चर इंडस्ट्री ने राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड से मधुमक्खी पालक किसानों के शहद के लिए एक स्टैंडर्ड प्राइस तय करने की मांग की है। किसान वास्तविक उत्पादन लागत से काफी कम दरों पर शहद बेचने के लिए मजबूर हैं।
शहद खाने में जितनी ही मीठा लगता है, उसे मधुमक्खियों के छत्ते से निकालना उतना ही मुश्किल। ये वीडियो देखने के बाद आपको भी पता चलेगा कि शहद निकालना कितना मुश्किल होता है।
मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के एक गांव में एक ऐसा घर है जहां पिछले 15 सालों से एक दो नहीं बल्कि 6-6 मधुमक्खियों के छत्ते लगे हुए हैं। लाखों की तादात में ये मधुमक्खियां घर के अलग-अलग हिस्से में अपना घर बनाकर डेरा जमाए हुए हैं।
भारतीय सेना का एक जवान हनी ट्रैप का शिकार हो गया है। इस बात की जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने दी है। जवान पर आरोप लगा है कि ये पाकिस्तान के लिए काम करते था। आरोपी मुख्य रूप से राजस्थान में पोस्टेड था। आरोपी शांतिमय राणा बंगाल का रहने वाला है।
शहद के इस्तेमाल से मोटापे की समस्या को कम किया जा सकता है। इसमें विटामिन, मिनरल्स और एंजाइंम्स के गुण भी पाए जाते हैं जो शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं।
शहद उत्पादन और इसके निर्यात में वृद्धि से यह प्रदर्शित हो रहा है कि इस काम से किसान लाभान्वित हो रहे हैं, उनके जीवनस्तर में बदलाव आ रहा है और उनकी आमदनी भी बढ़ रही है।
एसपीजी अधिकारियों ने हाल ही में अपने परिसर में मधुमक्खी पालन को लेकर मार्गदर्शन और प्रशिक्षण लेने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अधिकारियों से संपर्क किया था।
शहद में मिलावट पर रोक लगाने के लिए एफएसएसएआई ने इसकी गुणवत्ता के नए मानकों को अधिसूचित किया है। इससे शहद उत्पादक किसानों को अपने उत्पाद की बेहतर कीमत हासिल करने में भी मदद मिलेगी।
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