RBI द्वारा रेपो दर में कटौती या वृद्धि के बाद उधारकर्ता के पास ब्याज लागत बचाने के लिए फिक्स्ड से फ्लोटिंग या इसके विपरित ब्याज दर व्यवस्था में स्विच करने का विकल्प होता है।
योजना के तहत सिर्फ ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी के पात्र लाभार्थियों को ही सब्सिडी मिलती है। इस स्कीम के तहत डब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी के रूप में पहचान के लिए, एक व्यक्तिगत ऋण आवेदक आय का प्रमाण देना होता है।
एक्सपर्ट का कहना है कि जब कोई बैंक मृतक उधारकर्ता के बकाया लोन देने का अनुरोध किसी कानूनी उत्तराधिकारी से करता है तो उत्तराधिकारी को केवल मृतक उधारकर्ता से विरासत में मिली कुल संपत्तियों के मूल्य तक बकाया ऋण राशि चुकाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
कुछ वित्तीय संस्थान लोन की प्रोसेसिंग और मंजूरी हो जाने के बाद एक निर्धारित समय अवधि के अंदर लोन नहीं लेने की स्थिति में कमिटमेंट फीस वसूलते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2023 से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा हुआ है। अक्टूबर में खुदरा महंगाई 6.2 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो सरकार द्वारा आरबीआई के लिए निर्धारित लक्ष्य से अधिक है।
वित्तीय जानकारों का कहना है कि आप अपने म्यूचुअल फंड लाभ का कुछ हिस्सा होम लोन के प्रीपेमेंट के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, जबकि बाकी को निवेशित रख सकते हैं। इससे आपका लोन बोझ कम हो जाएगा और बाजार की तेजी का लाभ भी मिलेगा।
लोन चुकाने और वेल्थ क्रिएशन के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है। इस स्थिति में किसी व्यक्ति के लिए, एक संयुक्त रणनीति सबसे बेहतर काम कर सकती है। लोन को व्यवस्थित रूप से प्रबंधित करने के लिए नियमित ईएमआई जारी रखें। वहीं, वेल्थ् क्रिएशन के लिए एक्स्ट्रा पैसे को एसआईपी में निवेश करें।
आपको बता दें कि RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढोतरी की थी। इसके चलते रेपो रेट 6.25% से बढ़ाकर 6.50% हो गया था। उसके बाद से लगातार रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को स्थिर रखा हुआ है।
अगर ग्राहक बिना कोई EMI मिस किये 12 महीने तक होम लोन का पुनर्भुगतान कर देता है, तो वह होम लोन टॉप-अप लेने के योग्य हो जाता है।
नई दरें 7 नवंबर, 2024 से प्रभावी हो गई हैं। यह दर वृद्धि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा लगातार दसवीं बार अपनी नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने के निर्णय के बाद की गई है।
अगर आप घर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए यह अच्छा समय है। आप बैंक से सस्ता होम लोन के साथ प्रोसेसिंग छूट का फायदा उठा सकते हैं। कई बैंक जीरो प्रोसेसिंग फीस वसूल रहे हैं।
45-90 लाख रुपये का बजट रेंज 35 प्रतिशत से अधिक संभावित घर खरीदारों के लिए सबसे पसंदीदा विकल्प बना हुआ है। वर्तमान में, सर्वेक्षण के 28% से अधिक उत्तरदाताओं ने 90 लाख रुपये से 1.5 करोड़ रुपये के बीच की कीमत वाले घरों को अपनी प्राथमिकता बताई है।
अगर आप 25 साल के लिए 9.5 प्रतिशत की ब्याज दर से 60 लाख रुपये का होम लोन ले रहे हैं तो आपको हर महीने करीब 52,422 रुपये की EMI चुकानी होगी।
भारत में खुदरा महंगाई अब भी चिंता का विषय बनी हुई है, तथा पश्चिम एशिया संकट के और बिगड़ने की संभावना है, जिसका असर कच्चे तेल और जिंस कीमतों पर हुआ है।
सरकारी बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि दूसरी तिमाही में कुल जमा राशि 11.41 प्रतिशत बढ़कर 14.59 लाख करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी (जुलाई-सितंबर) तिमाही के अंत में ये 13.09 लाख करोड़ रुपये थी।
टॉप-अप होम लोन की अवधि अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग होती है। उदाहरण के लिए भारतीय स्टेट बैंक 30 साल तक की अवधि के लिए टॉप-अप होम लोन देता है।
सर्वे के अनुसार, “5 में से 3 लोग (63 प्रतिशत) मानते हैं कि लोन के लिए आवेदनों में अपनी आय को बढ़ा-चढ़ाकर बताना ठीक या सामान्य बात है, जो वैश्विक औसत 39 प्रतिशत से काफी ज्यादा है।”
टैक्स कटौती पुरुषों और महिलाओं के लिए समान है, लेकिन ज्वाइंट ओनरशिप अलग-अलग टैक्स कटौती का दावा करने की परमिशन देता है। भारत में महिलाओं को आसानी से संपत्ति खरीदने में मदद करने के लिए सरकारी की भी स्कीम है।
होम लोन की ब्याज दरें आपके क्रेडिट स्कोर पर काफी निर्भर करती हैं। अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपको कम ब्याज दर भी लोन मिल सकता है और अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब है तो आपको ज्यादा ब्याज दर पर लोन मिलेगा।
आपने 8.20 प्रतिशत की ब्याज दर पर 30 साल के लिए होम लोन लिया है और आपकी EMI 22,000 रुपये बन रही है। तो फिक्स्ड रेट होम लोन में पूरे 30 साल तक आपको 8.20 फीसदी की ब्याज दर से ही लोन चुकाना होगा और आपको पूरे 30 साल तक हर महीने 22,000 रुपये की ही EMI देनी होगी।
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