वार्षिक हज यात्रा के दौरान 98 भारतीयों की मौत को कौसर जहां ने दुखद बताया है। बता दें कि इस बार 1 लाख 75 हजार भारतीय हाजियों ने हज किया है।
सऊदी अरब में अगर किसी हाजिये यानी हज यात्री की मौत हो जाती है तो उसके शव को कोई भी देश वापस नहीं ले जा सकता। सऊदी अरब सरकार मृतक हाजियों के शवों को वहीं दफन करवा देती है और संबंधित दूतावासों के माध्यम से मृतकों के परिवारजनों को मृत सर्टीफिकेट जारी कर दिया जाता है।
भारत से हज के लिए इस बार करीब 1 लाख 75 हजार लोग मक्का गए। भीषण गर्मी और अन्य वजहों के चलते सऊदी अरब के मक्का में कई भारतीय यात्रियों की मौत हो गई है। विदेश मंत्रालय ने अब मौतों का वास्तविक आंकड़ा जारी कर दिया है।
सऊदी अरब में हज के लिए जुटे लाखों जायरीनों ने हजयात्रा की अंतिम रस्में शुरू कर दी हैं। परंपरा के अनुसार मुस्लिम हजयात्रियों ने शैतान को पत्थर मारकर रस्म अदायगी की।
सऊदी अरब के मक्का में हज करने के लिए जुटे दुनिया भर के लाखों मुसलमानों ने अराफात की पहाड़ियों पर इबादत की। अराफात की पहाड़ियों से मक्का की दूरी करीब 20 किलोमीटर है।
अगले हफ्ते से शुरू होने वाले हज के लिए दुनिया भर के जायरीन मक्का पहुंचने लगे हैं। सऊदी के अधिकारियों के अनुसार अब तक 15 लाख जायरीन यहां पहुंच चुके हैं। अभी इनकी संख्या में और इजाफा होने की संभावना है।
हज 2024 के भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए कोटा तय कर दिया गया है। तीर्थयात्रियों के लिए 1,40,020 सीटें आरक्षित की गई हैं। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने ये जानकारी दी है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट के माध्यम से यह जानकारी दी।
सउदी अरब वार्षिक हज यात्रा को लेकर बड़ी बात कही है। अरब ने कहा कि कोरोना के बाद पहला मौका है जब कोई कोविड प्रतिबंध नहीं लगाए जा रहे हैं। इस साल लाखों हजयात्री अब तक आ चुके हैं।
केरल से हज के लिए पैदल निकले शख्स ने अपने जुनून के दम पर पवित्र शहर मक्का तक की दूरी तय कर ली है। 370 दिनों में 8600 किलोमीटर की यात्रा कर शख्स मक्का पहुंचा है।
इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आज यानी मंगलवार को दिल्ली की 39 महिलाएं और उत्तर भारत की करीब 200 महिलाएं बिना पुरुष रिश्तेदार के हज यात्रा के लिए निकली हैं।
साल 2020 में महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के मद्देनजर सऊदी अरब ने हज यात्रियों की संख्या को सिर्फ 1000 तक सीमित कर दिया। यह कदम अभूतपूर्व था, क्योंकि 1918 की फ्लू महामारी के दौरान भी ऐसा नहीं किया गया था,जब दुनिया भर में करोड़ों लोगों की जान बीमारी से चली गई थी।
कोरोना वायरस महामारी को लेकर चिंताओं के कारण लगाई गई पाबंदियों को कम किए जाने के बाद सऊदी अरब में वार्षिक हज यात्रा के इस साल महामारी पूर्व के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस्लाम में हज सभी सक्षम मुसलमानों के लिए उनके जीवन में एक बार आवश्यक है।
Saudi Arabia: सऊदी अरब में अब सार्वजनिक जगहों के साथ ही बंद जगहों पर भी मास्क लगाने की जरूरत नहीं रहेगी। कोरोना महामारी के प्रतिबंधों को खत्म करने से हजयात्रियों को राहत मिली है।
पहले हर हज यात्री को 10 लीटर आब-ए-जमजम लाने की इजाजत थी लेकिन बाद में सऊदी सरकार ने इसे घटाकर 5 लीटर कर दिया। अब इसके लाने पर ही रोक लगा दी गई है। सऊदी जनरल एविएशन अथॉरिटी (SGAA) ने इस बारे में ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी किया है।
Haj Yatra: कोरोना की वजह से हज 2020 पर ना जा पाने वाले 1 लाख 23 हजार लोगों के 2100 करोड़ रुपए बिना किसी कटौती के वापस कर दिए गए। वहीं सऊदी अरब सरकार ने 2018-19 के हज यात्रियों के यातायात के लगभग 100 करोड़ रुपए वापस किए हैं।
‘मेहरम’ (पुरुष साथी) के बिना हज पर जाने की इजाजत मिलने के बाद इस साल 2,340 महिलाएं अकेले हज पर जाने की तैयारी में हैं। यह संख्या पिछले साल के मुकाबले करीब दोगुनी है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अगले साल बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं ‘मेहरम’ (पुरुष रिश्तेदार) के बगैर हज यात्रा पर जा सकती हैं।
हज सब्सिडी खत्म किए जाने के बावजूद इस बार 80 पर्सेंट हज यात्रियों पर कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है और उनको पिछले साल दी गई राशि के लगभग ही भुगतान करना होगा...
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को इस साल से हज सब्सिडी की समाप्ति की घोषणा की थी...
सरकार के मुताबिक सब्सिडी का फायदा कुछ एजेंसियां उठाती थी। गरीब मुसलमानों के लिए सरकार अलग से कुछ व्यवस्था करेगी...
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