एनसीएलटी का ये आदेश गो फर्स्ट के समाधान पेशेवर की तरफ से दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता (IBC) की धारा 33 (1) के तहत दायर एक आवेदन पर आया है। निर्धारित समयसीमा में उचित खरीदार खोज पाने में कर्जदाताओं के नाकाम रहने के आधार पर इस आवेदन में गो फर्स्ट के लिक्विडेशन का अनुरोध किया गया था।
एनसीएलटी ने इससे पहले 13 फरवरी को समयसीमा 4 अप्रैल तक बढ़ा दी थी। उसके पहले पिछले साल 23 नवंबर को भी न्यायाधिकरण ने 90 दिन का विस्तार दिया था।
स्पाइसजेट के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सिंह ने दृढ़ विश्वास जताया है कि गो फर्स्ट में अपार संभावनाएं हैं और इसे स्पाइसजेट के साथ करीबी तालमेल में काम करने के लिए दोबारा खड़ा किया जा सकता है।
गो फर्स्ट ने मई 2023 में प्रैट एंड व्हिटनी की इंजन विफलताओं को जिम्मेदार ठहराते हुए दिवालिया घोषित कर दिया। तब से, एयरलाइन कानूनी और प्रशासनिक बाधाओं में उलझा है।
एनसीएलटी ने यात्रा के लिए टिकट खरीदने वाले करीब 15.5 लाख यात्रियों को 597.54 करोड़ रुपये वापस करने की याचिका पर फैसला दिया है
विमान और उसके इंजन गो फर्स्ट के व्यवसाय का महत्वपूर्ण घटक हैं और यदि उन्हें हटा दिया गया, तो इसके परिणामस्वरूप कंपनी के रूप में एयरलाइन ‘खत्म’ हो जाएगी
इंजन न मिलने चलते गो फर्स्ट ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया था और वाडिया समूह की यह एयरलाइंस 3 मई से बंद पड़ी है
अगले 20 साल ‘विमानन क्षेत्र के लिए स्वर्ण युग’ होने जा रहे हैं और देश में अगले 15 से 20 साल में करीब 2,000 विमान होंगे
पहले ही एटीएफ की बढ़ती कीमतों के चलते कंपनियां हवाई किराये को लेकर काफी दबाव में थीं, वहीं गो फर्स्ट संकट के चलते अचानक मई के महीने में देश में विमानों की किल्लत पैदा हो गई।
नकदी संकट से जूझ रही विमानन कंपनी 26 विमानों और 152 दैनिक उड़ानों के साथ परिचालन शुरू करने को तैयार है।
गो फर्स्ट के हटने के बाद से जिन रूट पर यह सेवाएं देती थी, वहां अचानक हवाई किरायों में बेतहाशा वृद्धि हुई है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने बृहस्पतिवार को कोई कारण बताए बगैर इन याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग करने की जानकारी दी।
एयरलाइन ने नियामक के कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है, जिससे संकेत मिलता है कि वह जल्द से जल्द उड़ानों को फिर से शुरू करने पर काम कर रही है।
एयरलाइन को पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों ने दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील की थी।
एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसकी ऋण शोधन कार्यवाही के लिये अर्जी देने की कोई योजना नहीं है।
NCLAT ने बृहस्पतिवार को SMBC एविएशन कैपिटल की याचिका पर सुनवाई की। मामले की आंशिक सुनवाई हुई और दो सदस्यीय पीठ शुक्रवार को सुनवाई जारी रखेगी।
गो फर्स्ट ने अपना वित्तीय संकट गहराने के बाद एनसीएलटी के पास स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी लगाई हुई है।
शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि कंपनी ने एक साल पहले 2021-22 की जनवरी-मार्च तिमाही में 377.95 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया था।
लीज पर विमान देने वाली कंपनियों व उनकी डिटेल्स को डीजीसीए ने अपनी वेबसाइट पर शेयर भी किया है। गौरतलब है कि गो फर्स्ट ने गुरुवार को ही अपनी सभी फ्लाइट्स को 9 मई तक सस्पेंड करने का ऐलान किया है।
गो फर्स्ट के जवाब के बाद डीजीसीए ने एयरलाइन से मौजूदा नियमनों के तहत निर्धारित समयसीमा में टिकट का पैसा लौटाने का निर्देश दिया है।
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