भारत की GDP वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही है, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 13.1 फीसदी थी।
केंद्रीय बैंक ने इस महीने की शुरुआत में अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने वृद्धि अनुमान को पहले के सात प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया।
फिच ने कहा कि हमारे विचार में, कोरोना की दूसरी लहर ने भारत की आर्थिक रिकवरी को पटरी से नहीं उतारा है बल्कि उसमें देरी पैदा कर दी है।
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 21.4 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.3 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान दिया है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को कहा कि सरकार द्वारा लिए जा रहे आर्थिक सुधारों और कोविड टीकाकरण में तेजी को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत की वृद्धि दर 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच रह सकती है।
एसएंडपी ने कहा कि हमने मार्च में घोषित चालू वित्त वर्ष में वृद्धि के लिए 11 फीसदी के पूर्वानुमान को घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है।
वायरस की वापसी से 2021 में भारत के वृद्धि पूर्वानुमानों को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है, हालांकि यह संभावना है कि आर्थिक नुकसान अप्रैल-जून तिमाही तक ही सीमित रहेगा।
मूडीज ने आगे कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट का अनुमान है, जबकि इसके बाद सुधार होगा
भारत का जीडीपी जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में 1.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 7.3 प्रतिशत की गिरावट, 2019-20 में चार प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी थी।
सर्वेक्षण के मुताबिक ज्यादातर लोगों का यही मानना है कि विभिन्न राज्य सरकारों ने जो लॉकडाउन लगाया है वह मई अंत तक बना रहेगा।
ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान में कमी का कारण लॉकडाउन की वजह से जून तिमाही में होने वाला नुकसान है।
एजेंसी ने कहा है कि उसके ताजा अनुमान में गिरावट का जोखिम बना हुआ है, क्योंकि कोविड-19 मामलों से लॉकडाउन का और विसतार होगा।
महामारी के मामले रिकॉर्ड पर पहुंचने तथा कई प्रमुख राज्यों द्वारा सख्त लॉकडाउन लगाए जाने से वृद्धि को लेकर चिंता पैदा हुई है।
मूडीज ने उम्मीद जताई कि संक्रमण की मौजूदा लहर से निपटने के लिए एक देशव्यापी लॉकडाउन के विपरीत छोटे-छोटे कटेंटमेंट जोन पर जोर दिया जाएगा
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2020 की दूसरी छमाही में पुनरुद्धार से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अपने महामारी पूर्व के स्तर पर पहुंच गया है।
मूडीज ने कहा है कि यदि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर तेज होती है, तो इससे 2021 में सुधार के लिए जोखिम पैदा हो सकता है।
चालू वित्त वर्ष की दिसंबर में समाप्त तिमाही के दौरान भारत की जीडीपी सकारात्मक होकर 0.4 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
उद्योग संगठन पीएचडीसीसीआई ने शनिवार को कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी और चौथी तिमाही में देश की जीडीपी में रिकार्ड वृद्धि होने की उम्मीद है और पिछले 10 महीनों के दौरान सरकार द्वारा किए गए विभिन्न सुधारों के चलते अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।
पहली तिमाही में वृद्धि दर औसतन शून्य से 14.2 प्रतिशत नीचे संभव
पूरे वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी ही, प्रत्येक तिमाही के दौरान भी अर्थव्यवस्था नीचे आएगी।
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