बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। चारा घोटाले में उनकी जमानत को रद्द करने की सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 25 अगस्त को सुनवाई कर सकता है।
ये मामला कोई दो चार करोड़ का नहीं बल्कि करीब 950 करोड़ का है। 80 और 90 के दशक में फर्जी बिलों के आधार पर बिहार के विभिन्न कोषागारों से करीब 950 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी। कोषागार की जांच करते वक्त अधिकारियों को पैसों की निकासी के बारे में पता चला तो वह यकीन नहीं कर पा रहे थे।
डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में प्रारंभ में 170 आरोपी बनाए गए थे। इसमें से 55 आरोपियों की मौत हो गई।
राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद को चारा घोटाला से जुड़े एक मामले में रांची हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है।
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर एक बार फिर सुनवाई स्थगित हो गयी है। बता दें कि लालू यादव साढ़े नौ सौ करोड़ रुपये के चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे हैं।
झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि आखिर किसके आदेश पर चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के निदेशक के ‘केली’ बंगले में शिफ्ट किया गया था और पुनः उन्हें हाल में बंगले से 'पेइंग वार्ड' में शिफ्ट कर दिया गया?
झारखंड उच्च न्यायालय ने चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार से धन के गबन के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
जस्टिस अपरेश कुमार सिंह और केपी देव की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई से इनकार कर दिया और मामले को दूसरी पीठ में भेजने का निर्देश दिया।
उच्चतम न्यायालय ने करोड़ों रूपए के चारा घोटाले से संबंधित तीन मामलों में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर शुक्रवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो से जवाब मांगा।
देवघर-दुमका और चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को बड़ा झटका देते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने सभी तीनों मामले में उनकी जमानत याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया।
चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को रांची हाई कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है।
गुरुवार 15 मार्च को विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में लालू प्रसाद की ओर से तत्कालीन महालेखाकार पीके मुखोपध्याय, डिप्टी एजी बीएन झा और सीनियर एकाउंटेंट प्रमोद कुमार को आरोपी बनाने की अर्जी दाखिल की गई जिसपर सुनवाई हुई।
इस मामले में लालू यादव, पूर्व सांसद डॉ. आरके राणा, जगदीश शर्मा सहित 31 आरोपी है। ऐसा माना जा रहा है कि कोर्ट का आज का फैसला भी लालू के खिलाफ आ सकता है। अगर ऐसा होता है तो लालू को कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है।
चारा घोटाले का यह तीसरा मामला है। इसी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा को भी दोषी ठहराया गया है। चारा घोटाला LIVE: चाईबासा केस में लालू यादव को 5 साल की सजा, 10 लाख का जुर्माना
ओपन जेल में कैदियों को पूरी तरह से कैद नहीं रखा जाता है। जेल के अंदर उन्हें अपने परिवार को साथ रखने और उनकी आजीविका चलाने के लिए काम करने की सुविधा मुहैया कराई जाती है।
लालू यादव के खिलाफ फैसला सुनाने वाले जज शिवपाल सिंह उत्तर प्रदेश स्थित जालौन जिले के शेखपुर खुर्द गांव के रहने वाले हैं। गांव में कुछ लोगों ने उनकी जमीन पर कब्जा जमा लिया।
मामला 1990 के दशक में चाइबासा ट्रेजरी से कथित तौर पर 35.62 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने से जुड़ा है जब लालू अविभाजित बिहार के मुख्यमंत्री थे...
इन दोनों के जेल में पहुंचने की कहानी भी काफी दिलचस्प है। सुमित यादव नाम के एक शख्स ने मदन और लक्ष्मण के खिलाफ मारपीट और दस हज़ार रुपये छीनने का मामला दर्ज कराया।
"हिस्ट्रीशीटर और राजद की कार्यकारिणी समिति में शामिल शहाबुद्दीन की तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई और माननीय लालू प्रसाद का रांची के बिरसा मुंडा (होटवार) जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई हुई है। आखिर यह संगति का ही असर है।"
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाले मामले में रांची की सीबीआई कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई गई है।
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