मंत्री ने साथ ही कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना है कि ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ और आप सभी को भी यह संकल्प करना होगा कि आप आसान रास्ते (शॉर्टकट) अपनाने की कोशिश नहीं करेंगे।
क्रेडाई का यह मानना है कि इस प्रकार के कदम से मकानों की कीमतों में 10 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है और सस्ते आवास की आपूर्ति बढ़ेगी
डेवलपर्स दाम बढ़ाने पर मजबूर हैं क्योंकि वह निर्माण लागत की वृद्धि को स्वयं खपाने की स्थिति में नहीं हैं।
रिपोर्ट के अनुसार इस साल अप्रैल-जून के दौरान कुल 280 परियोजनाएं शुरू की गईं। इनमें से केवल 23 परियोजनाएं इस तरह की आर्थिक सहायता योजना के अंतर्गत रखी गई हैं।
रिजर्व बैंक से 2008 तक वाणिज्यिक बैंकों द्वारा जमीन के वित्त पोषण की मंजूरी थी। इसे किफायती आवास के लिए जितना जल्दी संभव हो सके, पुन: शुरू किया जाना चाहिए।
क्रेडाई द्वारा यहां आयोजित रीयल एस्टेट सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत तेजी से काम कर रही है
केंद्र सरकार के 20 से 50 हजार वर्ग मीटर की परियोजनाओं से जुड़े हरित नियमों के अनुपालन का अधिकार स्थानीय निकायों को दिए जाने के फैसले से इनकी मंजूरी की प्रक्रिया तेज हो सकेगी।
क्रेडाई ने गुरुवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र लिखकर इस क्षेत्र को कर्ज की कमी के संकट से राहत दिलाने में मदद की मांग की है।
भारत की रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन क्रेडाई ने देश के 12 बड़े शहरों में आवासीय परियोजनाओं में फ्लैट पर जीएसटी निर्धारण करते समय जमीन के लिए 60 प्रतिशत एबेटमेंट दिए जाने की मांग उठायी है।
रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन क्रेडाई ने पिछले दो साल में स्टील की तेजी से बढ़ी कीमतों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर मामले में दखल देने का अनुरोध किया है।
कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने आज कहा कि उत्पादन लागत बढ़ने की वजह से संपत्ति की कीमतें बढ़ने की संभावना है।
रियल्टी सेक्टर में वर्ष 2025 तक 80 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी और इस सेक्टर में कुल श्रमबल की संख्या 1.7 करोड़ पर पहुंच जाएगी।
रियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष निकाय नारेडको ने GST के तहत रियल एस्टेट क्षेत्र पर 12 फीसदी कर लगाने के फैसले का स्वागत किया है।
क्रेडाई ने आरोप लगाया है कि सीमेंट बनाने वाली कंपनियों ने पिछले दो महीनों में देशभर में कृत्रिम तरीके से कीमतों में 40 फीसदी तक की वृद्धि की हैं।
PMO ने सरकार के अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोग्राम की समीक्षा करने के लिए एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्राइवेट बिल्डर्स को भी बुलाया गया है।
रियल एस्टेट डेवलेपर्स की शीर्ष संस्था क्रेडाई का कहना है कि स्टील और अन्य सामान्य धातुओं की कीमतों में वृद्धि होने से घरों की कीमत बढ़ सकती है।
शहरी विकास मंत्री एम वैंकेया नायडू ने सस्ते मकानों को GST प्रणाली के तहत सेवा कर से छूट देने की बात की है, ताकि सस्ते मकानों की कीमतें नहीं बढ़ें।
क्रेडाई ने कहा है कि सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि GST में रियल एस्टेट डेवलेपर्स और ग्राहक दोनों के लिए टैक्स रेट को न्यूट्रल रखा जाएगा।
विशेषज्ञों ने सस्ता मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा देने की घोषणा का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे इस क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा।
रियल एस्टेट को प्रोत्साहन देने के लिए बजट सरकार के लिए एक बेहतरीन अवसर है। इसके जरिए सरकार प्रोत्साहक, समावेशी और वृद्धि के लायक एक तंत्र बना सकती है।
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