बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कोकिंग कोयले के क्षेत्र में भारत और रूस के बीच करार को मंजूरी दी गई। भारत अपनी जरूरत का अधिकांश हिस्सा विदेशों से आयात करता है।
कोकिंग कोयला इस्पात निर्माण के लिये महत्वपूर्ण कच्चा माल है। घरेलू कंपनियां इस महत्वपूर्ण कच्चे माल के लिये कुछ देशों से आयात पर निर्भर हैं। देश में कोकिंग कोयले की मांग का 85 प्रतिशत हिस्सा आयात होता है।
इस्पात मंत्रालय ने क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अगले वित्त वर्ष के बजट से पहले कोकिंग कोल पर आयात शुल्क हटाने की मांग की है।
टाटा स्टील और वीजा स्टील जैसी स्टील कंपनियों ने कोकिंग कोयले पर आयात शुल्क तथा स्वच्छ ऊर्जा उपकर से छूट देने की मांग की है।
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