डोकलाम में भारत और चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध खत्म होने का अमेरिका में विशेषज्ञों ने स्वागत किया लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि समस्या खत्म नहीं हुई है क्योंकि पिछले तीन दशक की यथास्थिति इतनी अधिक गड़बड़ा गई है कि इसे बदला नहीं जा सकता।
भारत के आर्मी प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि चीन भारत के साथ अपनी सीमा पर यथास्थिति बदलने का प्रयास कर रहा है, और डोकलाम क्षेत्र में जारी गतिरोध जैसी घटनाएं भविष्य में बढ़ने की संभावना है।
भारत और चीन के बीच काफी लंबे समय से चल रहा सीमा विवाद पूरे विश्व के लिए एक चिंता का विषय बन गया है। सीमा विवाद के चलते आज अमेरिका ने दोनो ही देशों को बातचीत करने के लिए कहा है।
संयुक्त अरब अमीरात ने आज कहा कि डोकलाम मामले में भारत और चीन के बीच किसी भी तरह से तनाव बढना क्षेत्र के देशों के लिए बहुत बाधक होगा और दोनों देशों को इस मुद्दे को आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास करना चाहिए।
चीन की एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज एक हैरतअंगेज लेकिन बेबुनियाद दावा किया कि भूटान ने इस बात को स्वीकार किया है कि डोकलाम का क्षेत्र उसका अपना इलाका नहीं है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ब्रिक्स के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ आज से शुरू हो रही बैठक में भाग लेने के लिए चीन में हैं।
सिक्किम में भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को दरकिनार करते हुए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है।
चीन के एक दैनिक समाचारपत्र ने आज अमेरिका और अन्य देशों पर आरोप लगाया कि वे दक्षिण चीन सागर चाल दोहराने और रणनीतिक लाभ हासिल करने के लिए चीन-भारत गतिरोध को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
सिक्किम में भारत और डोकलाम के बीच काफी समय से चल रही तनातनी को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय राजनीती को करीब से जानने वाले विशेषज्ञों ने अपनी राय जाहिर करते हुए कहा है अगर भारत और चीन के बीच युद्ध की स्थिति उत्पन्न होती है तो...
चीन के विदेश मंत्री ने दावा किया है कि भारत ने चीनी क्षेत्र में घुसने की बात स्वीकार की है। लेकिन उनके दावे के समर्थन में कोई आधार मुहैया नहीं किया गया है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को कहा कि सीमा पर हालिया विवाद के लिए भारत जिम्मेदार है और उन्होंने भारतीय सैनिकों से डोकलाम खाली करने को कहा। डोकलाम पर चीन अपना दावा करता है।
छले लंबे समय से भारत और चीन के बीच चलने वाली तनातनी के चलते बुधवार को एक बार फिर चीनी मीडिया को धमकी दी है। चीनी मीडिया से बातचीत करते हुए चीन के पूर्व राजनयिक ने कहा है कि...
'तिब्बत की सरकार ने 1890 के समझौते को स्वीकार करने से इसलिए इनकार कर दिया था क्योंकि उसके साथ इस जानकारी को साझा नहीं किया गया था कि वो इसका हिस्सा नहीं हैं। संधि के कुछ साल पहले ब्रिटिश और अंग्रजे सैनिकों के बीच संघर्ष हुआ था और एक कारण यह भी हो सकत
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